शुक्रवार, 2 मार्च 2012

गजलक इस्कूल भाग-15

आँचर तर मरबाक मजा किछु आर छै
· · · 21 February at 23:45 via Mobile
    • Amit Mishra bhor me ehi par kich sochab
    • Amit Mishra आँचर तर मरबाक मजा किछ और छै .
      संग प्रेम मे भिजबाक मजा किछ और छै .

      सुतल मे त श्वप्नपरी बड यादि आबै छै ,
      जागल मे श्वप्न देखबाक मजा किछ और छै ,

      गीत-संगीत त ताले सँ बान्हल रहै छैक ,
      बीन ताल के नचबाक मजा किछ और छै ,

      गणित ,विग्यान ,हिन्दी भुगोल बड सिखलौ ,
      प्रेमक पाठ पढ़बाक मजा किछ और छै . . . । ।
    • Gunjan Shree aihi kabita ke padhwa lel,
      sab gote ke sadar hakar chhaik......
    • Amit Mishra dhanyawad. . . . Ai me du chari ta sher aur hetai je nai likhlaun . , . . .bad me likhab
    • Amit Mishra dhanyawad. . . . Ai me du chari ta sher aur hetai je nai likhlaun
    • Gunjan Shree jarur aa jaldi likhu bhai....
    • Ashish Anchinhar kono bat nahi aga jori debai ekhan ham om prkash jik post par arbi bahar bala day rhl chee
    • Amit Mishra फुल भरल बाट पर कतबो चलु अहाँ ,
      कांट पर में चलबाक मजा किछ और छै ,

      जमाना तेज छै क्षण में पहुंचू सब ठाम ,
      इंतजार में रहबाक मजा किछ और छै ,

      अनचिन्हार देलनि पांति बनल गजल ,
      "अमित' ,संग लिखबाक मजा किछ और छै ...||

      अमित मिश्र
    • Aman Jha धन्यवाद!
      22 February at 11:00 via · · 2
    • Ashish AnchinharAman Jha----कथीकेँ धन्यवाद यौ भाइ
    • Maithili Singer NEEK......VISHAY.
    • Shefalika Verma May ker anchar aaki preyasi ker...?
    • मिहिर झा आँचर तर मरबाक मजा किछु आर छै
      आँचरवाली के नोर कहैत किछु आर छै
    • Ashish Anchinhar Shefalika Verma----गजल कहबाक मतलब होइ छै जे एकै पाँति सभ अनेक अर्थ निकलै। अरबीमे जँ शेर अनेकार्थी नै भेल तँ ओ गजलक दोष मानल जाइत छै। चूँकि पहिनुका मैथिली गजलकार लोकनि हिन्दी पढ़ि कए गजल लिखैत छलाह तँए ओहो सभ बुझलाह जे एक शेरकेँ एकै मतलब होइत छै। जे की गलत छै। वस्तुतः एकटा शेर समयकेँ हिसाबे अपन अर्थ बदलि लैत छै। आब अहाँ एहि शेरक मतलब निकालू।..
    • मिहिर झा मरितो मरितो हम देखल अपने सुख
      देल जे आँचर ओकर सज़ा किछु आर छै
    • Ashish Anchinhar bhut neelk mihir bhai
    • Shefalika Verma thhik kahait chhi ashish, muda eho kahal ja sakaichh..jaki rahi bhawna jaisi, prabhu murat dekhi tin taisi....tain hm clear bh apnek arth puchhlon jahi s ohi anurupe likh saki....
    • Ashish Anchinhar नै...नै कथमपि नै। जाकी रही बला बात दोसर भए जाइत छै। एकैटा मनुखमे समय हिसाबे राग आ विराग अबैत छै। प्रेम आ घृणा अबैत छै। तएँ की ओ मनुख अलग-अलग भए जेतै। तुलसी दास जी भक्त छलखिन्ह तँए ओ लिखलखिन्ह जे जाकी रही...। मुदा जखन एकै आदमीमे सभ गुण-दुर्गुण अबैत छै तखन तँ ओ शेर जे अनेकार्थी छै तकर महत्व बढ़ि जाइत छै। ...
    • Binita JhaAmit Mishraji k rachna bahut neek lagal





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