सोमवार, 5 मार्च 2012

गजलक इस्कूल भाग-22

अति महत्वपूर्ण सूचना -----

होलीक शुभ अवसर पर एकटा आर ज्ञान अपने लोकनिकेँ बीच राखि रहल छी।

गजलकेँ अलावे एकटा आर टर्म छै उर्दूमे जकरा हजल कहल जाइत छै। आब इ बूझी जे गजल आ हजलमे की अंतर छै। व्याकरण मने रदीफ, काफिया आ बहर गजल आ हजल लेल एक समान छै। मुदा कथन अलग-अलग जतए गजल पूरा-पूरी गंभीर बातसँ बनै छै ओतहि हजल हास्यक फुलझरीसँ। मने हजल आ गजलमे खाली गंभीरताक अंतर छै। हमरा जहाँ धरि बुझाइत अछि जे मुसलमान शासक सभ राज-काजक बीचमे बोर भए जाइत छलाह तखन इ हजल सुनाएल जाइत छल हेतै। जे किछु हो आब जखन की मैथिली लेल गजल अनचिन्हार नै तखन हजल किएक पाछू रहत। आ ताहूमे होली सन अवसर पर। तँ आब चलू कने हजल दिस। आने दिन जकाँ हम एकटा पाँति दए रहल छी, एकरा पूरा कएल जाए----

हरदि-चून-करिखा लगाऊ हुनक मूँहपर

(UII+UII+UII+UII+UI) इ रुक्न बहरे मुतकारिब केर मुजाइफ रुप छै। चूँकि मैथिलीमे मूल बहर पर गजल नै छलै तँ हम एखन धरि मुजाइफ बहरक चर्चा नै करै छलहुँ। आगू होइत रहत।
· · · Saturday at 17:52
    • Ashish Anchinhar नव शाइर सभ एकरा सरल वार्णिक बहरमे लीखि सकैत छथि। वर्ण संख्या छै----18
    • Jan Anand Mishra Horik avasarpar hazalak swagat aichh
    • Amit Mishra ‎++ हजल++

      हरदी-चुन-करीखा लगाऊ हुनक मुँहपर ,
      चुगला सनक फोटो बनाऊ हुनक मुँहपर ,

      सड़ल फाटल चट्टी बाला बोरा सँ अंगा बनाबू ,

      एकाध लोइया कादो लगाऊ हुनक मुँहपर ,

      बेँगक माला चाहे जुता कए हार सँ स्वागत हो ,
      करिकबा कुकुर हुलकाऊ हुनक मुँहपर ,

      होली छै त' शराब हेबाक चाही ने हिनका लेल ,
      पिल्लू बाला महुआ बरसाऊ हिनक मुँहपर ,

      कतौ सँ एकटा बत्तू पकैर क' लेने आबू भाई ,
      जनता सँ बारह बजबाऊ हिनक मुँहपर . . . । ।

      अमित मिश्र
    • Ashish Anchinhar जय जय भए गैलै
    • Ashish Anchinhar सभ गोटेसँ आग्रह जे होलीक अवसर पर हजल लीखथि।...
    • Om Prakash Jha Humra ta se daura dauri laagi gel achhi je hum apne hajal bani gel chhi. Ashish bhai humre par ekTa hajal likh diyau ne..... Jay ho.
      Yesterday at 13:36 via Mobile · · 4

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों