बुधवार, 4 अप्रैल 2012

अपने एना अपने मूँह-7

मार्च मास 2012मे कुल 132टा पोस्ट आएल जकर विवरण एना अछि-----

कुंदन कुमार कर्ण, सुनील कुमार झा, मुकुंद मयंक, त्रिपुरारी कुमार शर्मा, कुमार पंकज झा,नितेश झा "रौशन", निशांत झा, भाष्कर झा आ रुबी झाक 1-1टा पोस्टमे 1-1टा गजल आएल ( मने 9टा गजलकारक 9टा गजल)
अनिल जीक 2टा गजल आएल।
मिहिर झाक 8टा पोस्टमे 3टा गजल, 2टा कसीदा, 2टा रुबाइ आ 1टा बाल गजल आएल।
प्रभात राय भट्टक 6टा पोस्टमे 6टा गजल आएल।
ओमप्रकाश जीक 6टा पोस्टमे 4टा गजल आ 2टा आलोचना आएल।
चंदन झाक 22टा पोस्टमे 19टा गजल, आ 3टा बालगजल आएल।
अमित मिश्राक 30टा पोस्टमे 24टा गजल, 3टा हजल आ 3टा बालगजल आएल।
जगदानंद झा 'मनु" जीक 18टा पोस्टमे रूबी झा जीक 6टा गजल आ आ 1टा बाल गजल प्रस्तुत केलाह संगहि संग ओ अपन 10टा गजल आ 1टा बाल गजल देलाह।
आशीष अनचिन्हारक 31टा पोस्टमे 22 खंडमे गजलक इस्कूल, 2टा अपने एना अपने मूँह, 1टा पुरस्कार संबंधी घोषणा, 1टा परिचर्चा, 2टा गजल, 1टा रुबाइ आ संगहि-संग 2टा पोस्टमे कमलमोहन चुन्नूक 2टा गजल प्रस्तुत कएल गेल।

एहि मासक दूटा मुख्य विशेषता अछि पहिल जे २४मार्चकेँ पहिल बेर हमरा द्वारा बाल गजलक परिकल्पना देल गेलै। आ मात्र ७ दिनक भीतर ई अपन अलग स्थान बनेलक मैथिली गजलमे। दोसर विशेषता ई जे ऋषि वशिष्ठ केर सहायतासँ मुकुंद मयंक जी नव गजलकारक रूपमे एलाह संगे-संग कुंदन कुमार कर्ण सेहो गजलकारक रूपमे अनचिन्हार आखर द्वारा एलाह। एहिसँ पहिने ऋषि वशिष्ठ केर सहायतासँ दीप नारायण विद्यार्थी आ सदरे आलम गौहर जी भेटल छलाह। मैथिली गजल ऋषि वशिष्ठ जीक ऋणी रहत।



(श्रीमती रुबी झा जीक सभ पोस्ट हटा देल गेल अछि। हुनक रचना अ-मौलिक सिद्ध भेल अछि। हमर ई कहब नै जे हुनक सभ रचना एहने सन हेतन्हि मुदा ई हुनक अधिकांश रचना लेल अछि।

सादर
सम्पादक
 22/1/2013)

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