बुधवार, 2 मई 2012

गजलक इस्कूल भाग-44

की कोनो गजलक मतलामे " शीतलता" एवं " तीक्ष्णता" काफिया भए सकैत छै की। जँ हँ तँ कोना जँ नै तँ किएक ?
· · · 24 April at 11:40

    • जगदानन्द झा 'मनु' नै, किएक त काफिया यानि तुकबंदी एहि ठाम तुक नै मिलैये
      शीतलता" एवं " तीक्ष्णता"
      दुनु में दीर्घ ई कए मात्रा
      दुनु कए अंत में "ता"
      एहि अबस्था में बिचक शब्द लत" एवं क्ष्ण मिलबा चाहि

      24 April at 11:57 · · 3

    • Ashish Anchinhar बिलकुल सही अछि मनु जी । अरबीमे एकरे ईता दोष कहल जाइत छै। किछु दिन बाद। हम एहि पर चर्चा चलेबै। धन्यवाद।..

    • Ashish Anchinhar जगदानन्द झा 'मनु'----अच्छा मनु जी ई कहू जे जँ मतलामे " शीतलता" आ " बुड़िबकहा" काफिया होइ तँ सही हेतै की गलत।.....

    • जगदानन्द झा 'मनु' सही हेतै
      दुनु कें अंत में आ कए मात्र छैक
      एहि ठाम काफिया भेल आ कें मात्रा

      24 April at 12:21 · · 1

    • Ashish Anchinhar एहू बेर सही छी अहाँ मनु जी। नीक लागल। ओना जे तर्क अहाँ देने छिऐक से कने गड़बड़ अछि। मुदा कुल मिला सही रिजल्ट अछि। आब हमरा विश्वास भए गेल जे मैथिलीमे गजलक भविष्य नीक छै।....

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