बुधवार, 6 जून 2012

मास मइ 2012क लेल गजल सम्मान योजनाक पहिल चरण

हमरा ई सूचित करैत बड्ड नीक लागि रहल अछि जे " अनचिन्हार आखर"द्वारा स्थापित " गजल कमला-कोशी-बागमती-महानंदा" सम्मानक पहिल चरण बर्ख-2012 ( मास मइ लेल ) पूरा भए गेल अछि। मास मइ लेल अनिल जीक एहि रचना के चयन कएल गेलैन्हि अछि। हुनका बधाइ।

आँखिसॉ नींद आब चलू भगा देल जाए
जोश भरल ई यात्रा के मजा लेल जाए

शहीद'क लहू सॉ भिजल माटि जे अछि
माथ ई माटि के चानन लगा लेल जाए

हाथ'क रेखा आगाँ बढबा सॉ रोकै यदि
एहन रेखा चलू आब मेटा लेल जाए

केओ बढतै आगाँ हम रहि जेबै पाछाँ
ई भरम आब मोन सॉ हटा देल जाए

अपना चाहि कथी सभ के भेटतै कथी
स्पष्ट भ'क' आब सभ के बता देल जाए

धागा प्रेम'क छलै गाँठ परलै जरुर
समय चिन्हू ओकरा सोझरा लेल जाए

फेरो तोडत मोडत बाँटत हमरा जे
उ सपने पर डोजर चला देल जाए

धर्म के नाम पर कर्म के जौं छोट कहै
एहन पाँती के पोथी स’ हटा देल जाए

इत्र सॉ तेल सॉ देह गमकल बहुत
मातृ भक्ति सॉ मोन के गमका लेल जाए

प्रेम बिरह'क गीत युवा गयलौं बहुत
वीर रस मे गेबै आब बता देल जाए

की आब चुप नै रहै अधिकार'क माँग
डर के कमला कोशी मे बहा देल जाए

सुततै किया अनेरो बहिर सरकार
शंख फूँकि आब ओकरा जगा देल जाए




वर्ण-१५

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों