बुधवार, 20 जून 2012

गजलकार परिचय शृखंला भाग-36




जगदानन्द झा 'मनु'




हिनक परिचय हिनकेँ शब्दमे----


हमर गप्प
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नाम : जगदानन्द झा 'मनु'
पिता : श्री राजकुमार झा
माता : मन्जु देवी
जन्म : १३/११/१९७३, हरिपुर डीहटोलमे
ग्राम पोस्ट : हरिपुर डीहटोल, मधुबनी
वर्तमान निवास : पूर्वी विनोद नगर, दिल्ली
मो.नो : ०९२१२४६१००६
ई मेल - jagdanandjha@gmail.com
शिक्षा : प्राथमिक- ग्राम हरिपुर डीहटोलमे, आँगाक सबटा सीबीएसई दिल्लीसँ, देशबन्धु कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालयसँ १९९४ मे बिसनेसमे स्नातक, इलेक्ट्रोनिक्समे डिप्लोमा, कम्पूटर हार्डवेयरमे डिप्लोमा |
व्यबसाय : १९९४ सँ २०११ तक करीब १८ बर्ख तक इलेक्ट्रोनिक्स फील्डमे अपन बेपार | तीन बर्ख तक पार्ट टाइम एमएलएम व्यबसाय केला बाद अप्रैल २०११ सँ फूल टाइम एमएलएम व्यबसायमे एखन तक |
साहित्य : विद्यार्थी जीवनमे कविता लेखनमे रूचि मुदा गृहस्थ जीवनमे सबटा बिसरा गेल | अक्टूबर २०११, श्री गजेन्द्र ठाकुर जी विदेह ग्रुपसँ जोरलाह, आ ओतएसँ हमर साहित्यक जीवन शुरू भेल | विदेह पर सभकेँ नीक-नीक लिखैत देखि हमरो भितरक मरल साहित्यक स्नेह बाहर निकलल, दू-तीन टा कविता लिख विदेहक देबाल पर देलियै | पाठकक वाह-वाही पढि मन हर्शोत्साहीत भेल | नीक लागल | आगु लिखैक प्रेरणा भेटल | संगे अपन कविताकेँ विदेह ई पत्र पर छपल देख आओर खुशी भेटल | मुदा हमर मैथिली भाषाक पक्ष बड्ड कमजोर छल, एखनो अछिए | नम्बर २०११ मे गुरुबर आशीष अनचिन्हारजी विदेह ग्रुपकेँ आशिर्वादे भेट भेलाह आ ओहिठामसँ हुनक मार्गदर्शनमे शुरू भेल हमर गजल आ मैथिली लिखैक यात्रा | ओकर बादक सभ किछ अपने लोकिनकेँ सामने अछि | हमर जीवनमे साहित्यक कोनो जगह अछि तँ ओहि लेल हम आभारी छी मार्गदर्शक श्री गजेन्द्र ठाकुर जीकँ आ गुरुबर श्रीआशीष जीकँ |

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों