किछु बात एहन जे कना गेल हमरा
· · · 3 May at 22:15 via Mobile
- Ashish Anchinhar 2212-2212-21223 May at 22:17 via Mobile ·
- Ashish Anchinhar ई पाँति सत्य छै
- Amit Mishra jivan me ehan bahuto ghatna hoit chhai jahi me hasait hasait kana jai chhi . . . Sty bat
- Amit Mishra गजल
किछु बात एहन जे कना गेल हमरा
विसरल दरदिया जे जगा गेल हमरा
छल रौद मे उभरैत ओ चित्र केकर
शाइद चिन्हारे पर जड़ा गेल हमरा
छल मोन मे नै कहब ककरो दरद हम
चर्चा हुनक सुनिते बजा गेल हमरा
नै छी नशेरी छै नशा विरहके यौ
बहलै इयादक झर पिया गेल हमरा
देखल जखन फूटैत बड बमक गोला
रोआँ जड़ल देहक घमा गेल हमरा
चाहै छलौँ कोनो रचब गजल नेहक
पर "अमित" नोरक धुन लिगा गेल हमरा
मुस्तफइलुन-मुस्तफइलुन-फाइलातुन
2212-2212-2122
अमित मिश्र - Ashish Anchinhar bhut neek amit jee.4 May at 11:02 · · 1
- मिहिर झा किछु बात एहन जे कना गेल हमरा
केलहा कर्म अपन गना गेल हमरा
भरल आन्खि संग हन्सैत चल गेल ओ
टूटल तार सितार बना गेल हमरा4 May at 11:39 · · 6 - Ashish Anchinhar neek mihir bhai...4 May at 11:40 · · 1
- Chandan Jha गजल-३६
किछु बात एहन जे कना गेल हमरा
जिनगीक नव माने सिखा गेल हमरा
सपनाक दुनिया छलहुँ झूलैत झूला
तखनहि उठल बिर्ड़ो जगा गेल हमरा
पालन अपन पेटक करैए कुकूरो
आनोक हित जीबू बुझा गेल हमरा
अप्पन हरख हरखित रहैछै सभ क्यो
अनके दुखहि कानब बता गेल हमरा
"चंदन"मनुज जीवन बितै नहि अकारथ
जिनगीक सभ मकसदि गना गेल हमरा
2212-2212-21224 May at 13:19 · · 6 - Ashish Anchinhar गजब चंदन जी। बहुत नीक। हमरा तँ लगै छल जे हम पाँति दै छिऐक ताहिमे खाली अमित जी रुचि लै छथि... मुदा धीरे-धीरे सभ आबि रहल छथि। हमरो मोन आब बेसी लागत।...4 May at 13:20 · · 4
- Amit Mishra पिछला किछु दिन
सँ मौसम कने तनावपूर्ण अछि तेँए एकटा हास्यक बम त' नै मुदा फूलझड़ी प्रस्तुत क' रहल छी । ।
हजल
भेल किछु बात एहन जे कना गेल हमरा
हरासंखनी कनियाँ माथ बथा गेल हमरा
ओना त छै अमावश्या सन कारी केश ओकर
मुदा ओहि मे फड़ल चोर पटा गेल हमरा
ओना नाम छै शांती मुदा घर छै माछक हाट
छ' टा बरदक पिलवान बना गेल हमरा
फोटूये देख परान उड़ि गेल छल हमर
से माँथ पर बंदूक राखि उड़ा गेल हमरा
सब दिन कहै यै जे प्यार नै करै छेँ हमरा
जँ भागौँ त' सौँसे देह दाँत गड़ा गेल हमरा
माइ के बजाबे भाइ के बजाबे सब दिन ओ
चाउर दालि आँटाक भाव बता गेल हमरा
भने फूलेसरा कुमारे रहि गेल भाइ सब
"अमित" ओ त' जीते जी श्राद्ध करा गेल हमरा
सरल वार्णिक बहर
वर्ण-17
अमित मिश्र - Ashish Anchinhar
haaaaaaaaaaaaaahaaaaaaaaaaaaaa aaaaaaaa 4 May at 14:07 · · 1 - Ruby Jha गजल
किछु बात एहन जे कना गेल हमरा
एही दुनिया क रित डरा गेल हमरा
बेटीक बाप त करेज पिटे अछि देखू
हुनक ब्यथा देखि क' बजा गेल हमरा
कतेक निर्दय छैथ बेटा क बाप सब
नै अछि पाई त देखू भगा गेल हमरा
येह उचित थिक धन धान्य भरल छी
किछु पाई ल' किएक नचा गेल हमरा
अखनो चेतु अखनो सुधारू मिथिला के
अछि चिंतित ध्वस्त नै करा गेल हमरा
------सरल वर्णिक बहर वर्ण --१५-------
रूबी झा4 May at 16:40 · · 6
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें