बुधवार, 6 जून 2012

गजलक इस्कूल भाग-53

हम गजलक विकास चाहैत छी मुदा मैथिली भाषाक शर्त पर नै. एम्हर किछु गजलकार मस्तीमे आबि हिन्दी उर्दू शब्द घोसिया दै छथि. किछु गजलकार तँ कोनो हिन्दी उर्दू गजलक अनुवाद कए लै छथि आ बतेला पर खिसिया जाइ छथि. सभसँ आग्रह जे एहन एहन गजल अनचिन्हार आखर आ विदेह पर नै देल जाए
· · · 9 May at 23:46 via Mobile
    • Jan Anand Mishra Maithili bhasak shartpar kichhuo swikarya nai
      10 May at 08:36 via Mobile · · 3
    • मिहिर झा Ehi Tham Gajal shuddh maithili me aa poornatah moulok hebaak chaahee.
      10 May at 09:07 · · 4
    • Anil Mallik ham ekta nivedan karab je jau kinhko ehan gajal payal jay ta hunka sudhar ke salah sath msg jau kayal jay ta sambhavtah galti punah nai hoi...bahuto galti anjaan me seho bha jayat chhai..
      10 May at 09:17 · · 3
    • Ashish AnchinharAnil Mallik---लोक लग सहबाक क्षमता कहाँ छै ?........लोककेँ अपनो सोचबाक चाही ने जे ई जे हम कए रहल छी से कतेक उचित। आब हम कतेक धरि लोककेँ मेसेज पठबैत रहबै। लोककेँ अपने नैतिक जिम्मेदारी लेबाक चाही। अंजानमे गलती नै होइ छै ई सभ.
    • Vinit Utpal आशीष भाय, एकटा गप कहबाक छल जे सदिक्खन ई ध्यान रखबाक चाहि जे वाही भाषा जीवित
      रहैत अछि जे अप्पन शब्दकोष के विस्तार करैत अछि. तत्सम आ तद्भव क ल क बुझले
      होयब. जौं मैथिली में शब्द अछि ते ओकर प्रयोग करबाक चाहि नहि ते किछु नब शब्दक
      निर्माण करय में कोनो हिचक नहि हेबाक चाहि.
      10 May at 11:46 via · · 7
    • Akbar Rizvi नाम नै कहब मुदा विदेहक वॉल पर जतेक ग़ज़ल वा कविता अईछ ओई मे से अधिकांश अनुवाद कैल अईछ, मुदा भाई और बहिन लोकनि नाम अपने देने छैथ... त ई विधि सँ मैथिलि भाषाक विकास हमरा दृष्टि में असंभव अईछ
      10 May at 11:53 · · 6
    • मिहिर झा naam nahi kahay chaahai chhee t mool gajal prastut karee se aagrah
      10 May at 12:00 · · 4
    • Anil Mallik इ गप्प बुझय मे नै आयल "विदेहक वॉल पर जतेक ग़ज़ल वा कविता अईछ....." आ नाम कियाक नै कहब...? जौं एहन भ'रहल आ अपने के जानकारी अछि त मैथिली'क मौलिकता बचाबय हेतू अपने'क कर्तब्य अछि जे जौं सार्वजनिक नै करय चाही त एडमिन के संदेश त पठाएल जा सकैत अछि !
      10 May at 12:01 · · 8
    • Ashish AnchinharAkbar Rizvi----अपने हुनक नाम आ गजल आ रचना मेसेजमे पठाउ।.....
    • Vinit Utpal रिजवी साहेब, अहां के जे कोनो ग़ज़ल वा कविता विदेहक वाल पर अनुवाद बुझाबय
      अछि, ओकर मूल अहां बेहिचक एतय पोस्ट क सकैत छी. अहां हिन्दी के युवा आलोचक आ
      साहित्यकार सेहो छी ताहि से अहां के अध्ययन निश्चित रूप सें व्यापक होयत. अहां
      के सहयोगक आवश्यक अछि, अहि लेल विदेह संग मैथिली जगत अहां के ऋणी रहत. संगे
      अहां से निवेदन अछि जे चूँकि अहां मिथिला से छी, अहों अप्पन रचनात्मक सहयोग
      मैथिली लेल करू. अहि आग्रह के संग.
      10 May at 12:17 via · · 9
    • Om Prakash Jha Bhaashak maulikta banaa ka raakhab jaruri chhai. Sangahi prayogak aadhar par kichh simit shabd ke pravesh aavashyak hoit chhai. Hum Rizvi saaheb sa anurodh karab je wo je aarop lagaa rahal chhathi okar pramaan me kichhu gajal uddhrit karathi. Kiyak ta nakalak pahchan Maithili gajalak vikaas lel badd jaruri achhi. Bina naam batene pataa kona ka chalat je nakalchi ke chhathi. Saadar.
      10 May at 13:25 via Mobile · · 6


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों