सोमवार, 27 मार्च 2017

आशीष अनचिन्हारक सभ रुबाइ एकैठाम

अइ खंडमे बहुतो रुबाइ एहन अछि जे कि प्रारंभिक अवस्थामे लिखल गेल अछि तँइ बहुतो रुबाइमे अशुद्धि सेहो अछि। यथा समय एकरा सही कएल जाइत। 

1
हिम्मति रखने काज सदा बनि जाएत
देह तँ जरत नाम मुदा रहि जाएत
इ जे देखा रहल समस्या केर पहाड़
ठानि लेब तँ रुइ जकाँ उड़ि जाएत

2
भेटत खुशी केकरो देखलाक बाद
केकरो ठोरसँ नाम सुनलाक बाद
कहबामे लागत बरु एकै-दू छन
मजा भेटत आइ लव यू कहलाक बाद

3
अपन बाँहिमे अहाँके गछारि लेब हम
नजरिसँ करेजमे उतारि लेब हम
एक बेर हँ तँ कहि कए देखिऔ
सगरो बाट पर आँचर पसारि देब हम

4
ठोरसँ ठोर सटतै तँ गीत जनमत
आँखिसँ आँखि मिलतै तँ प्रीत जनमत
दुश्मनीमे जिनगी केखनो नहि बिताउ
हाथमे हाथ देबै तँ मीत जनमत

5
इ जे अहाँक मूँह अछि गुलाब सन
आ आँखि जे लगैए शराब सन
सगरो दुनियाँ बताह भेल देखि कए
मोन हमरो लगैए बताह सन
6
हमरा जीवन मे अहीं केर खगता
अहाँ बिना पड़लै करेज हमर परता
खेलाइत रहू अहाँ हमरा मोन मे
बनू अहाँ देवी हम बनब भगता

7
हमरा ठोरक पिआस भेल छी अहाँ
हमरा मोनक हुलास भेल छी अहाँ
हम बिसरि ने पाएब अहाँ के कहिओ
टूटल करेजक विश्वास भेल छी अहाँ

8
ओ मोन पड़ै छथि तँ निन्न ने अबैए
देह होइए सुन्न नीको ने लगैए
चाहै छी हम जे ओ हमरे लग रहथि
ओ तँ ओ हुनक इयादो ने अबैए

9
हुनका सँ दूर करबा पर बिर्त लोक
अकास मे भूर करबा पर बिर्त लोक
हमही मरब हुनकर प्रेम मे या तँ
अपटी खेत मे मरबा पर बिर्त लोक
10
एकटा हाथ बढ़लै हमरा दिस
एकटा डेग उठलै हमरा दिस
एतेक बड़का गप्प कोना कहू
एकटा नजरि उठलै हमरा दिस

11

रूपक रौद सँ जौबन पघलि जाएत
अहाँक श्वास सँ बसातो गमकि जाएत
अहाँक चलब करबैए मारि सगरो
ठमकब तँ मोन कने सम्हरि जाएत
12

जहिआ हमर पिआर के जानब अहाँ
तहिआ ओकर तागति मानब अहाँ
आइ भने बिता लेब राति सूति कए
काल्हि सँ आँगुर पर दिन गानब अहाँ

13
सपना जखन केकरो टूटि जाइत छैक
मोनक बात मोने मे रहि जाइत छैक
विश्वास सँ बड़का धोखा कोनो ने
टूटल करेज इ बात कहि जाइत छैक
14

हुनका देखने उमकैए मोन हमर
संग मे रहने रभसैए मोन हमर
ओ जखन अबै छथि हमरा सोझाँ मे
सभटा झंझटि बिसरैए मोन हमर

15
माटि मे पानि मे आगि आ बसात मे
दिन मे राति मे साँझ आ परात मे
देखाइ छी अहीं खाली चारु दिस
केहन तागति अछि अहाँक इयाद मे
16

कहब कतेक बात अहाँ सँ हम सजनी
चलब कने दूर अहाँ संग हम सजनी
जँ पकड़बै अपन हाथ सँ हाथ हमर
जीबैत रहब बहुत दिन धरि हम सजनी

17
बहुत बात रहि गेल घोलफच्चका मे
साँप-मगरमच्छ घूमि रहल चभच्चा मे
अहिंसा होइए सभ सँ नीक बुझलहुँ
राम-रज्यक कल्पना उठैए लुच्चा मे
18
देह मोन एकै मिलन के बेर मे
रूप-रंग एकै मिलन के बेर मे
अहाँ भने चल जाउ दूर हमरा सँ
प्रेमक दर्द एकै मिलन के बेर मे

19
हुनका जँ देखितहुँ तरि जइतहुँ हम
ओकरा पछाति बरु मरि जइतहुँ हम
अहाँ केर आँखिक निशा एहन नीक
जँ पीबितहुँ तँ सम्हरि जइतहुँ हम
20

हुनका अबिते मोन हमर हरिआ गेल
आँखिक बात मोन मे फरिआ गेल
ओ केलथि केहन जादू हमरा पर
हुनक इयाद अबिते मोन भरिआ गेल

21
हुनका लेल रूप सजा लेबाक चाही
आइ जबानी के लुटा देबाक चाही
काज नहि इजोत के हमरा-हुनका लग
इजोत लेल घोघ उठा लेबाक चाही
22

जँ खोट ने रहतै सरकारक नेत मे
अनाज उपजबे करतै हमरो खेत मे
पसारए ने पड़तै हाथ दोसर ठाम
रहतै किछु कोठी आ किछु पेट मे

23
चाम जँ अहाँक चाम सँ भीरि जेतै
बूझू मरलो मुरदा जीबि जेतै
इ प्रेमक आगि बड्ड कड़गर आगि
बूझू पाकलो बाँस लीबि जेतै
24
जखन हुनकर घोघ उठेलहुँ सच मानू
आँखिक निशा सँ मतेलहुँ सच मानू
हुनक रूप भमर जाल लगैए हमरा
तैओ हुनके सँ नेह लगेलहुँ सच मानू

25
एहि पार हम ओहि पार अहाँ बैसल छी
मुदा एक दोसराक करेज मे पैसल छी
जहाँ धरि देखी अहीँ देखाइ छी हमरा
देखू हमरो दिस एना अहाँ किएक रूसल छी
26
कते दिन जिबैत रहब उधार के जिन्दगी
जिबैत रहू सदिखन पिआर के जिन्दगी
ने काज आएत समय पर ई धन-बीत
बिका जाएत पाइ-पाइ मे हजार के जिन्दगी

27
प्रेम मे खून सुखा नोर बनि जाएत
हुनक ठोरक हँसी भोर बनि जाएत
चिन्हार मरबे करत हुनका देखि-देखि
अनचिन्हार जीबि चितचोर बनि जाएत

28
रूप देखा बताह बना देलक छौंड़ी
सूतल मोन के जगा देलक छौंड़ी
की कहू छल ओ केहन हरजाइ
अचके मे हमरा कना देलक छौंड़ी
29
अपन करेज अपने सँ डाहि लेब हम
प्रेमक महल अपने सँ ढ़ाहि लेब हम
अहाँ जा सकै छी हमरा जिनगी सँ
असगरे कत्तौ जिनगी काटि लेब हम

30
इ जे अहाँक मूँह अछि गुलाब सन
आ आँखि लगैए अहाँक शराब सन
सगरो दुनियाँ बताह भेल देखि कए
मोन हमरो होइत रहैए खराब सन
31
नोर बनि आँखि मे आबि जाउ
गीत बनि ठोर पर गाबि जाउ
बढ़ि गेल दूरी संगो रहैत
के कतेक दूर प्रेम सँ नापि जाउ
32
हुनका देखिते बजा गेल आइ लव यू

मोन करेज पर लिखा गेल आइ लव यू
आब एकरा प्रेम कहू की बतहपनी
सुतली राति मे बजा गेल आइ लव यू 
33
अँही छी जकरा लेल जीबै छी हम
फाटल-चीटल करेज सीबै छी हम
हम नहि जा सकलहुँ कोनो मन्दिर-मस्जिद

आइ धरि अँहिक बाट जोहै छी हम

34

सात रंग सँ रंगल चेहरा अहाँक
सातो स्वर सँ सजल चेहरा अहाँक
बहुत मेहनति बुझि पड़ैए विधाताक
सात जनम मे बनल चेहरा अहाँक

35
भ्रष्ट सिस्टम मे पप्पू पास होइते रहत
बदमाश लेल मधुमास होइते रहत
जहिआ धरि जनता बनल रहत बेशरम
तहिआ धरि देशक नाश होइते रहत

36
देह हुनकर घाम सँ नहाएल अछि
मानू धार मे कमल फुलाएल अछि
रचब अनचिन्हार आखर हुनके लेल
एहने बात मोन मे आएल अछि

37

आँखि मे मोन मे करेज मे अनचिन्हार
असगरें अनचिन्हार हेंज मे अनचिन्हार
प्रेम ने माँगै लाली रे पलंगिया
माटि पर अनचिन्हार सेज पर अनचिन्हार
38

हमरा देखि लिअ अँहा के हमरे सप्पत
बाँहि मे घेरि लिअ अँहा के हमरे सप्पत
अँहा के हमर सप्पत हमर प्रेमक सप्पत
मोन मे जोड़ि लिअ अँहा के हमरे सप्पत

39
तोरा चाहबौ हम जान सँ बेसी
आन-बान-शान खनदान सँ बेसी
जहिआ चुनबाक हएत संसार मे
हम तोरे चुनबौ जहान सँ बेसी

40
देखू कनैत कनैत धार बनि गेलहुँ
दुनियाँमे रहितो अनचिन्हार बनि गेलहुँ
हम काँट छलहुँ कोनो रस्ता परहँक
हुनक पएरमे गड़ि कचनार बनि गेलहुँ 

41
नेहक जतेक रंग से सभ टा अनचिन्हार
मोनक जतेक रंग से सभ टा अनचिन्हार
किनकर हाथक कोन रंग लगलै पता नै
देहक जतेक रंग से सभ टा अनचिन्हार

42
हमर बाटक पता हमर साधना देत
हमर लक्ष्यक पता हमर साधना देत
प्रेम तँ सभ करै छै करबे करतै मुदा
हमर प्रेमक पता हमर साधना देत

43
आँखिमे किछु शरम राखब जरूरी छै
मोनमे किछु धरम राखब जरूरी छै
जीवन गुजारि सकै छी असगरो मुदा
संबंधक किछु भरम राखब जरूरी छै

44
आइ लभ यू बाजब बड़का साधना छै
चुप्पे रहि कऽ चाहब बड़का साधना छै
मानै छी जे दुनियाँ देखने हेबै मुदा
हुनकर रूप निहारब बड़का साधना छै

45
ओ जे कहियो ने बुझलक आइ लभ यू
ओ जे कहियो ने कहलक आइ लभ यू
तकरा एहन की भेले जे आइ हमर
सारापर बहुत बेर लिखलक आइ लभ यू

46
जेना किसान खेत खरिहान चाहै छै
अमीन सभ केबाला खतियान चाहै छै
पंडित मुल्ला सभ मंत्र अजान चाहै छै
तेना हमर देह ओकर परान चाहै छै

47
जगैत रहलहुँ हम राति भरि ओकरा बिना
तकैत रहलहुँ हम राति भरि ओकरा बिना
इम्हर ओम्हर एकै हाल से बुझाएल
कनैत रहलहुँ हम राति भरि ओकरा बिना

48


हमर गाममे बहुत धुरंधर छै घरे घर
नाला पोखरि धार समुंदर छै घरे घर
गाछ पात डारि फूल बिया खेत खरिहान
दालि भात अचार चहटगर छै घरे घर

49


अनचिन्हारक हाथमे अनचिन्हारक हाथ
छै सिनेह भरल छातीपर घमाएल माथ
केखनो हटबै केखनो सटबै अपन ठोर
ऐ तरहें अनचिन्हार केलक हमरा सनाथ

50

सच झूठकेँ टकरेलासँ भरम टुटि जाइ छै
जेना पाथरसँ नमहर घैलो फुटि जाइ छै
टूटब आ जूटब बहुत कठिन छै दुनियाँमे
ई आँखिकेँ टकरेलापर शरम टुटि जाइ छै

51


चुपचाप रहल बड़ी देर धरि हमरा देखि कऽ
जेना कि कोनो फूल चुप हो भमरा देखि कऽ
फेर केबाड़ बंद कऽ नाचल बहुत असगरे
लागल जे मजूर नाचल हो बदरा देखि कऽ

52

ओना तँ रातुक सिंगार बड्ड नीक
अजोह ठोरक पिआर बड्ड नीक
नै नै नै नै नै कहलक बहुत बेर
मुदा मोनमे अनचिन्हार बड्ड नीक

53
खसबे करतै नोर हमर सारापर
हम तँ मरि गेलहुँ बस एही आशापर
मरला बाद एकौ बेर ने देखलक
हम तँ जीबै छलहुँ जकर इशारापर

54

बढ़ि जाइत शराबक निसाँ जँ अहाँ रहितहुँ
कनडेरिए कनेकबो हमरा दिस तकितहुँ
ई तँ शराबे छल जे आबो हम जीबै छी
मरि जाइत हमर जिनगी जँ अहाँ रहितहुँ

55

शराब पीबै आइ गिलास नेने आउ
अपन कंठमे कने पिआस नेने आउ
जेकहता शराब छै खराप हुनका लेल
अहाँ जीवनक अंतिम श्वास नेने आउ

56


हमर मोन झुमिते रहल हुनक गीतपर
चारू दिस घुमिते रहल हुनक गीतपर
सगरो दुनियाँ कहलक निकलि आऊ मुदा
हमर मोन डुमिते रहल हुनक गीतपर

57
नजरि मीलै छै आ कने झुकि जाइ छै
डेगो तँ उठै छै आ कने रुकि जाइ छै
प्रेममे सभहँक हालति एहने हेतै
देह साबुत रहितों करेज टुटि जाइ छै

58

फाटल करेज तँ सिबहे पड़त हमरा
आब केनाहुतो जिबहे पड़त हमरा
अहाँ तँ भने करैत रहब रंग-रभस
ई जहर सन नोर पिबहे पड़त हमरा

59
सत्तर टा मूस खा बिलाइ आबि गेल
अपन पुण्यक गीत तँ सौंसे गाबि गेल
पहीरि लेलक पाग लगा लेलक ठोप
फकसियार जकाँ सगरो मूँह बाबि गेल
60

करेजा चीरि राखि देलक हाथमे
हमरा अप्पन बनेलक बाते-बातमे
बंद आँखिए चेहरा देखै छी हम
समय सदिखन मर बितैए उचाटमे
61


देखू हुनक आँखिसँ चूबि रहल शराब
आब तँ हरेक ठोरकेँ चूमि रहल शराब
ओ चाहैए पीबि ली सगरो जहान
अभागल सपनेमे पीबि रहल शराब

62

लोक तँ विश्वास रखैए एहि मंत्रमे
कि पाइए बड़का छै एहि गणतंत्रमे
करबै की छब्बीस-पंद्रह मना कए
आजादी तँ बान्हल छै जनतंत्रमे

63


जनिका खाली सपनेमे देखै छलहुँ
जनिका लेल हम पाँति-पाँति लिखै छलहुँ
ओ से चलि गेलथि दूर आइ हमरासँ
जनिका लेल हम फूल-काँट बिछै छलहुँ

64

इयाद करब नीक एहि संसारमे
पिआर करब नीक एहि संसारमे
मुदा मिट्ठो भेने चुट्टी लगै छै
अचार बनब नीक एहि संसारमे

65


निर्गुण बाद सोहर गेबै तँ बात बनतै
नोर संग हँसी लेबै तँ बात बनतै
असगरें रहबतँ खसेबे करत दुनियाँ
हाथमे इ हाथ देबै तँ बात बनतै

66


जुट्टी ओकर तँ जाले सन गूहल छलै
आँखि ओकर तँ उत्साहसँ खूजल छलै
छलै केने तैआरी ओ जेना की
एतै अनचिन्हार शायद बूझल छलै

67

मिललै आँखिसँ आँखि देह सिहरि गेलै
सटलै चामसँ चाम देह सिहरि गलै
हमरा आब नै चाही किछु संसारमे
भेलै प्रेमसँ प्रेम देह सिहरि गेलै

68

जे गण बनथि आ बनाबथि से गणेश 
जे भव उतरथि आ उतारथि से गणेश 
हिनकर बादेँ तँ ब्रम्हा, विष्णु आ महेश 
जे माए-बापक महत्व जानथि से गणेश

69

चीन्हब जँ अनचिन्हारकेँ तँ ईद हएत
सौंसे परसब जँ प्यारकेँ तँ ईद हएत
इ जरूरी नै जे इजोत हेबे करत
देबै ठोकर अन्हारकेँ तँ ईद हएत

70

बेसी बाजब तँ देह हम ततारि देब
अहाँक सभ बदमाशी हम सुधारि देब
जे-जे कहै छी से-से अहाँ मानि लिअ
नै तँ अहाँक सभ बुधिआरी घुसारि देब

71


खूनके पानि बना देत ओ दोस्ती कोन काजक
माएके डाइन कहा देत ओ दोस्ती कोन काजक
मानल जे इ दोस्त जरुरी छै संसारमे सदिखन
मुदा परिवारो छोड़ा देत ओ दोस्ती कोन काजक

72


पिहकारी पड़लै हुनक आँचर उड़ने
सिसकारी छुटलै हुनक आँचर उड़ने
सुन्दरो मनुख नङटे खराप लगैए
महकारी लगलै हुनक आँचर उड़ने

73

जौबन तँ करेज पर चलबैए आरी
मोन के सम्हारी की करेज के सम्हारी
अलगे-अलग इ सोचै छी हम अँहा सदिखन
चलू आब एकै संग बैसि बिचारी

74


जँ अहाँ केखनो धड़फड़ी नहि करबै
तँ अहाँ केखनो गड़बड़ी नहि करबै
सेनुर तँ लगतै कनपट्टीए मे
आशा अछि अहाँ गड़बड़ी नहि करबै

75


हुनकर घाम सँ फूलो गमकि गेल
हुनकर रुप देखि बिजुरी चमकि गेल
आइ तँ निकलि गेल छल हमर प्राण
हुनकर जौबन देखि देह मे अटकि गेल

76

जँ आँचर हुनक ससरि जाएत आइ
तँ लोक पार उतरि जाएत आइ
लोक खसत बेर-बेर बिना पीने
संन्यासिओ तँ बहकि जाएत आइ

77

देह तँ अहाँक गम्हराएल धान सन
रंग तँ अहाँक मगहिआ पान सन
हम तँ आब किछु नहि लीखि सकैत छी
रुप तँ बुझू अहाँक कतकी चान सन

78

ओ हाथ पकड़लक तँ आँखि खुजि गेल
मोन हमर तँ मोनक बात बुझि गेल
एखन धरि तँ इ हम बचेने छलहुँ
मुदा ठोर सटिते हमर सभ लुटि गेल

79


तोरे नामे गमा देलहुँ जिनगी
आसा मे तँ बिता देलहुँ जिनगी
हम तँ बेर-बेर हारि जाइत छलहुँ
हाथे पकड़ि तँ जिता देलहुँ जिनगी

80



की कहू ओ बाट तँ हम बिसरि गेलहुँ
जाहि पर साइत अहाँ अबै-जाइ छलहुँ
की हेतै जँ छोड़िए देब हमरा
हम तँ मिलन विरह सँ उपर गेलहुँ

81

रुसल आइ जान हमर देखू अजगुत
छूटल आइ जान हमर देखू अजगुत
जी ने सकी हम हुनका बिनु केखनो
बूझल आइ जान हमर देखू अजगुत

82

ओ जखन देखैए हमरा बेर-बेर
हिलकोर उठैए बूझू बेर-बेर
अँहा हमरे छी आ हमरे टा छी
इ बात करेज कहैए हमरा बेर-बेर

83


आइ तँ बात अँहाक नहि मानब हम
बस खाली अँही टा के जानब हम
अँहा बरु आ लिअ सप्पत नहि अएबाक
जिनगी भरि तँ अँहिक बाट जोहब हम


84

नेता आ बाबा सँ देश परेशान अछि
मुदा एहने धंधा मे तँ उठान अछि
लोक तँ समीकरणे ने तेना बनबै छै
खून चुसनाहर बड़का लोक महान अछि

85

इतिहास बदलि जेतै जँ उठतै आँखि
बिसबास बदलि जेतै जँ उठतै आँखि
केकर हिम्मत जे देखत अहाँ दिस
बदमास बदलि जेतै जँ उठतै आँखि

86

सोना बनब तँ अहाँ के जरहे पड़त
सदिखन नीक काज अहाँ के करहे पड़त
काज केनिहारक कमी नहि संसार मे
ओ जखन एतै तँ अहाँ के हटहे पड़त

87

जँ आखर के हुनक ठोर भेटतै
बौआएल बटोही के बाट भेटतै
कोनो कारण सँ जँ केओ खसि पड़त
ओकरा लेल हजारो हाथ भेटतै

88

ओ नजरि मे उतरि गेलथि बाते-बात मे
कारेज धरि गुजरि गेलथि बाते-बात मे
पहिल नजरि के पिआर एहने होइत छैक
ओ हमरा बिसरि गेल बाते-बात मे

89

भेसैए करेज मे हुनकर इयाद
लेसैए करेज मे हुनकर इयाद
हम जाएब तँ कहू कोम्हर जाएब
खीचैए पएर के हुनकर इयाद

90


आँखि मे नोर मोन मे दर्द नुका राखू
ठोर पर सदिखन हँसी बचा राखू
केओ ने केओ दुख बुझबे टा करत
ताँ मधुर बोल सँ आँगन सजा राखू

91

हमर हाथ सँ अहाँक हाथ छूटत नहि
प्रेमक तन्नुक ताग तोड़ने टूटत नहि
जाहि दिन बिसरि जाएब अहाँ हमरा
तकरा बाद हमर आँखि देखत नहि

92

आँखि देखबाक मूँह कहबाक लेल
हाथ पकड़बाक ठोर चुमबाक लेल
ने पक्का ने खढ़क घर काज आएत
करेज बनलै केकरो रुकबाक लेल

93

अहाँक नजरि सँ हम घबाह भए चुकल
लटाढ़म सँ हम तबाह भए चुकल
लोक हमरा की ने की कहैए झुढ्ढे
हम अहाँक प्रेम मे खटबताह भए चुकल

94


कने चीखि लिअ काँच-कूँच प्रेम हमर
नून-अनून,झाँस-झूँस प्रेम हमर
भने तोरा लेल मधुए बोरल बोल
मुदा लोकक लेल काँट-कूश प्रेम हमर

95
अपन पीठ अपने ठोकि लेलियै हम
अपन गेंद अपने लोकि लेलियै हम
आनक गला घोंटलासँ की फायदा
अपन कंठ अपने मोकि लेलियै हम

96
आँखि केर सपना टूटल जाइए
हमरा लगसँ कियो रूसल जाइए
समय केर चाकपर बनैत मनोरथ
केकरो हाथसँ खसि फूटल जाइए

97
नवका सीसोक नव पात समान चेहरा
गैंची माछसँ भरल खेतक धान चेहरा
केकरो लेल किछु नै मुदा हमरा लेल
हमर मोन हमर देह हमर जान चेहरा

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