रविवार, 9 अप्रैल 2017

आशीष अनचिन्हारक सभ गजल एकैठाम (1)




जंघाजोड़ी

अनचिन्हारक बात
अनचिन्हार आखर केर बाद ई हमर दोसर गजल संग्रह अछि। दूनू संग्रहक बीच लगभग 9 बर्खक अंतराल छै आ स्वाभाविक जे दूनू संग्रहमे अंतर हेबे करतै। पहिल अंतर इएह जे पहिल संग्रहमे सभ गजल सरल वार्णिक बहरमे छल आ एहि संग्रहमे सभ गजल वार्णिक बहर (जकरा बहर कहल जाइत छै)मे अछि। सरल वार्णिक बहरक प्रयोग मात्र नवसिखुआ सभ लेल शुरू कएल गेल छल सक्षम गजलकार लेल नै आ एहि 9 बर्खक अंतरालमे बहरक मामिलेमे हम अपना-आपकेँ जरूर सक्षम मानि रहल छी। भाव ओ कथ्यक हिसाबसँ एहनो बहुत काँच छी हम। बहुत लोक कहबे करता जे जखन भाव काँच अछि तखन गजलमे बहरक कोन काज, बहुत लोक ईहो कहि सकै छथि जे जँ बहरक पालन नै करितहुँ तँ उच्चकोटिक रचना होइत। बहुत लोक ईहो कहता जे बंधनहीन समयमे रचनामे बंधन नै हेबाक चाही। मुदा एक बात हम स्प्ष्ट कऽ दी जे कोनो विधाक मूलस्वरूपक रक्षा हेबाक चाही। जखन हम प्रस्तुत रचनाकेँ गजल कहि रहल छियै तखन हमर कर्तव्य बनैए जे हम ओकर बहर-काफिया-रदीफक पालन करी। भाव केर बात करए बलाकेँ सूचना देबनि चाहबनि जे साहित्यमे हमर यात्रे व्यंग्य ओ कवितासँ भेल अछि। प्रकाशित सेहो भेल अछि दू-चारि टा। हमर पीढ़ीक संगे-संग कोनो पीढ़ीक कोनो कविक कविता संग आलोचनाक धाह सहबाक लेल हमर ओ दू-चारि कविता- व्यंग्य सेहो तैयार अछि। ओकर बादो जहिया लागत जे हमरा खाली भावे बला रचना केलासँ कविक लिस्टमे नाम लिखाएत वा कोनो पुरस्कार भेटत तहिया हम बिना बहर-काफिया बला रचना करब आ पुरस्कार लऽ लेब मुदा एतेक नैतिकता ओहू समयमे हम राखब जे कमसँ कम ओहि बिना बहर-काफिया बला रचनाकेँ गजल नै कहब। लेकिन एकर मतलब ई नै भेलै जे गजलमे भाव नै हेबाक चाही। गजलोमे ओतबे भाव हेबाक चाही जतेक कि कोनो आन विधाक उच्चस्तरीय रचना लेल भावक जरूरति होइत छै। मुदा भाव अनुभवक शब्दरूपांतरण थिक। गहींर अनुभव आ ओकरा कहबाक विलक्षण कला जखन बहर वा छंद संग मीलै छै तखने कमाल होइत छै। हमरा हिसाबें खाली छंद मुदा अपूर्ण भाव बला रचना एवं खाली भाव मुदा अपूर्ण छंद बला रचना दूनू डस्टबीनमे फेकबा योग्य अछि। ई बयान गजल आ एहन रचना जाहिमे छंदक पालन अनिावर्य अछि जेना दोहा-रोठा,भुजंगप्रयात... लेल अछि।  दोसर बात ईहो जे हमर गजल लयात्मक नै होइत अछि (आ ई बात हमरा अपने समानधर्मा गजलकार सभसँ पता चलल)। गजलकार अपन गजलकेँ गाबि लै छथि से नीक बात मुदा तकरे कसौटी मानि लै छथि से खराप। एकटा-दू टा उदाहरण लेब। अधिकांश उर्दू गजलक गायन बहुत बादमे भेलै। हसरत मोहानीजी अपन गजल "चुपके-चुपके रात दिन आँसू बहाना" जहिया लिखलाह तकर लगभग 50 सालक बाद गुलाम अली ओकरा गेलाह। गालिब केर गजल सेहो लिखलाक बहुत दिनक बाद गाएल गेलै। एकटा रोचक प्रसंग ई जे  उर्दू गजलमे मजरूह सुल्तानपुरीकेँ प्रगतिशील शाइर मानल जाइत छनि। उर्दू गजलमे प्रगतिशील आंदोलनक जन्मदाता छथि मजरूह जी। बादमे मजरूहजी फिल्मी गीत लेखनमे सेहो एलाह आ भारतीय सिनेमाक पहिल सुपरस्टार कुंदन लाल सहगलजीक फिल्म "शाहजहाँ"सँ अपन गीत लेखन शुरू केलाह। ई फिल्म सहगलजीक अंतिम फिल्म छल कारण ओ कम्मे उम्रमे दुनियाँसँ चलि गेलाह। तकर बाद मजरूहजी लगातार फिल्ममे सफल रहलाह आ अपन मृत्यु धरि लेखन करैत रहलाह। आमिर खानक पहिल फिल्म "कायामत से कयामत" धरिक गीत हुनके छनि। जखन मजरूहजी मंचपर जाइ छलाह तखन ओ अपन प्रस्तुति बिना गेने दै छलाह। खुमार बाराबंकवी साहब सेहो उर्दू गजलक महान हस्ती छलाह आ बहुतो कामयाब गजलक रचना केने छलाह। मंचपर जखन जाइ छलाह तखन बहार आबि जाइत छलै कारण ओ गाबि कऽ गजल सुनबैत छलाह। हुनक स्वर ओ मंचक अदायगी बहुत भावपूर्ण होइत छल। खुमारजी सेहो फिल्मी गीत लेखनमे एलाह आ किछु नीक गीत रचलाह मुदा ओहिठाम टीकि ने सकलाह आ बादमे हुनकर फिल्मी गीत सभ नै आएल।  ई हम मात्र उदाहरण देलहुँ अछि। एहन घटनाक संख्या बहुत अछि। कोनो गजल जँ गाएल जा सकैए तँ ई सोनमे सुगंध मुदा......... प्रश्न उठैए जे गाएत के ? गजलकार गाएत तँ फेर गायक की करत। हम स्प्ष्ट रूपसँ कहब “जे गायक गीतकार वा गजलकारसँ लय सूनि गाबै छथि तिनका हम गायक नै मानै छी। आ जे गजलकार खाली ताली लेल गजलकेँ लयात्मक करबाक सिफारिश करै छथि सेहो गजलकार नै छथि”। लयात्मकता प्राकृतिक रूपसँ रचनामे एबाक चाही आ से हरेक रचनामे रहिते छै बस रचनाकार किछु कारण (ताली,पुरस्कार आदि) लेल घबड़ा जाइ छथि। हुनका बुझाइ छनि जे जँ आइ हमर रचना नै गाएल गेल तँ कहियो ने गाएल जाएत। मुदा सोचियौ जँ हसरत मोहानी अपन गजलकेँ लऽ कऽ गायक केर दुआरिपर बौआएल रहितथि तँ बहुत समयक बाद गुलाम अली ओकरा नीक जकाँ कोना गेने रहितथि। हरेक रचनाक गेबाक अपन समय अबैत छै आ हमर जे किछु लयात्मक रचना अछि (दोसर लेल बिना लयकेँ) तकरा लेल कोनो गायक एबे करतै आ ओहि लेल हमरा कोनो धड़फड़ी नै अछि। हँ एहन साहित्यकार जिनकर सलाह-सुझाव बहरक रक्षा करैत लयकेँ संपूर्ण करैत अछि तिनकर सलाह-सुझाव मानितो छियनि आ ओ हमरा लेल आदरणीय छथि। एकर अतिरिक्त जे साहित्यकार नै छथि तिनकर सभ सलाह हम मानैत छी आ ओकरा बहरक परिप्रेक्ष्यमे अमल करबाक चेष्टा करैत छी आ एहन पाठक हमरा लेल परमादरणीय छथि। जे साहित्यकार छथि आ बहरकेँ तोड़ैत खाली शब्दकेँ इम्हर-उम्हर करबाक सलाह दैत छथि तिनकर सलाह हम डस्टबीनमे फेँकि दैत छी। जहिया हमरा खाली लय आ गीत कोना गबाएत तकर चिन्ता हएत तहिया हम गजल छोड़ि गीत लिखब। गीत हम लिखितो छी आ एकटा रिकार्ड सेहो भेल अछि। जेना कि हम उपरमे कहबे केलहुँ जे हमर गजल विशुद्ध रूपसँ पाठकक मनोरंजन लेल अछि। ज्ञान-बुद्धि लेल पाठक वैज्ञानिक ओ इतिहासकार, भूगोल ओ आकाशवेत्ता, दार्शनिक-चिंतक केर लेख सभ पढ़ता से कामना हम करब। क्रांति लेल हम कोनो क्रांतिकारीक जीवन अपना जीवनमे उतारए चाहैत छी मुदा ताहिमे सफल नै भऽ पबैत छी। तँइ हमरा रचनामे क्रांतियो भेटत से कहब मुश्किल। हँ एकटा क्रांति हम अपना जीवनमे ई अनने छी जे हम अपन रचना ओ आचरणमे फर्क नै रखने छी। हम घूस खा कऽ गरीबपर रचना नै लिखलहुँ आ ने कोनो लड़कीक चरित्र खराप कऽ, पहिल कनियाँ छोड़ि दोसरसँ बियाह कऽ  स्त्रीक दुखपर रचना केलहुँ। निजी जीवन आ रचना अलग-अलग हो से हम नै चाहै छी। जे चाहै छथि तिनकर निजी जीवनक रहस्य अवश्य उद्घाटित हेबाक चाही। एतेक कहलाक बादो जँ कोनो पाठक हमर एहि मनोरंजनात्मक रचनामेसँ किछु ज्ञान-बुद्धि, किछु क्रांति, जीवन सुधारबाक किछु सूत्र ताकि लै छथि तँ ई हमर रचनाक सौभाग्य हएत। आब किछु एहन बात जे कि गजलक सिद्धांत रूपसँ गजल संग जुड़ल अछि आ ई हम अपन गजल संबंधी हरेक पुस्तकमे दैत छी। रिपीट तँ होइत छै मुदा हमरा ई भरोसा अछि जे जहिया जे पोथी पाठकक हाथमे रहतनि तहिया ताही पोथीसँ ओ गजलक बेसिक चीज बुझि सकताह आ गजल विधाक इएह सार्थकता छै जे पाठक बुझि कऽ ओहिपर विचार देत---"हम अपन हरेक गजलक निच्चामे ओकर मात्राक्रम, बहरक नाम आदि दैत छियै आ ओकर किछु विधान सेहो दैत छियै (विधान जनबाक लेल पहिने बहरक अध्य्यन करए पड़त) आ दोसरोकेँ एहन करबाक सलाह दैत छियै। ई बात बहुतकेँ नै बुझाइत छनि जे आखिर हम एना किए करै छियै वा कहै छियै। मुदा हमरा जनैत एकर सभसँ बड़का फायदा ई अछि जे पाठक सभ सेहो ई बुझैत चलताह जे कोन बहरक की लक्षण छै आ हमरा हिसाबें ई गजल विधाक लेल खादक काज करत। किछु लोक बहरक नाम वा मात्रा क्रम लिखबाक विरोध करै छथि। कहै छथि जे हिन्दी आ उर्दूमे बहरक नाम नै लिखल जाइ छै। मुदा ओहि लोककेँ ई नै बूझल छै जे संस्कृत परंपरामे हमर ॠषि-मुनि सभ अपन श्लोक शुरु करऽसँ पहिनेहे छंदक नाम लीखि दै छलाह। दुर्गा शप्तशती प्रायः सभ गोटें देखने-पढ़ने हेता। मार्कण्डेय ॠषि मंत्रक शुरूमे कहि दै छथि जे ई श्लोक सभ अनुष्टुप छंदमे अछि जेना "ॐ अस्य श्रीचण्डीकवचस्य ब्रह्मा ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः, चामुण्डा देवता, अंगन्यासोक्तमातरो बीजम्, दिग्बन्धदेवतास्तत्त्वम्, श्रीजगदम्बाप्रीत्यर्थे सप्तशतीपाठांगत्वेन जपे विनियोगः" आब एहिमे पाठककेँ पता लागि जाइ छै जे छन्द अनुष्टुप छै आ पाठक अनुष्टुप छंदक विधानसँ ओकरा उपर विचार करतै। आनो ग्रंथमे एहने भेटत। जखन हमर पुरखा सभ बहुत पहिनेसँ छाती ठोकि कऽ छंदक नाम लीखि सकै छलाह तखन ऐ अत्याधुनिक कालमे हम सभ किएक नै लीखि सकै छी। की हमर सभहँक आत्मविश्वामे कमी अछि? हँ ओहन लोक सभ जे की छंदक रचनामे अशक्त छथि ओ तँ बहर वा छंदक नामसँ डेरेबे करता।" आब ई मात्राक्रम कोना होइत छै, काफिया कोना होइत छै रदीफ कोना होइत छै से देब एहिठाम संभव नै कारण बहर-काफियाक विवरण लगभग 100 पन्नासँ उपमे पूरा होइत छै। जे जनबाक लेल उत्सुक छथि से हमरे लिखल पोथी "मैथिली गजलक व्याकरण ओ इतिहास" पढ़थि अथवा हमर ब्लाग अनचिन्हार आखरपर जाथि। ईहो ध्यान राखब जरूरी जे लेखक वा हुनकर चेलाचपाटी कोनो तुकांत रचनाकेँ छंदोबद्ध घोषित कऽ दैए मुदा हरेक तुकांत रचना छंदोबद्ध हेतै से जरूरी नै। जँ अहाँ लग एहन कोनो बात आबए तँ ओहि लेखक एवं हुनक चेला-चपाटीसँ पूछू जे ई कोन छंदमे छै आ एकर विधान की छै। जँ कहलाह तखन ओकरा ओहि विधानसँ रचनाकेँ मिलाउ आ जँ बिना कहने घोंघाउज करए लागथि तँ बूझू जे रचना छंदोबद्ध नै अछि आ लेखक झूठ बाजि रहल छथि।
ओना तँ हरेक पद्य रचनाकेँ गाएल जा सकैए मुदा ताहि लेल अनिवार्य रूपसँ गायक हेबाक चाही। जेना कोनो रचनाकार अपन-अपन विधामे पारंगत होइत छथि तेनाहिते गायक सेहो अपन विधामे पारंगत होथि से आवश्यक। पद्य लेल जहाँ छंदक ज्ञान हएब जरूरी (मुक्त छंद छोड़ि) तेनाहिते गायक लेल राग-भासक जानकारी आवश्यक। मैथिलीमे रचनाकारे आ गायक संगीतकार बनि जाइत छथि (किए से आगू स्पष्ट हएत)। हलाँकि पद्यमे सभ रचना आबै छै मुदा रचना अलग-अलग विधाक भऽ सकैए। गीत सेहो पद्य अछि गजल सेहो, दोहा-रोला-सोरठा सेहो मुदा एकर नियम अलग-अलग अछि। गीतोमे एक नै हजारो अवसरक लाखो रचना अछि। पद्योमे किछु एहन विधा होइत छै जकर नियम बहुत कठिन होइत छै मुदा ओहिमे तेहन आकर्षण रहैत छै जे लोक सभ ओहि विधा लेल ललचाइत रहै छथि आ ओहि विधामे हाथ-पएर मारै छथि। किछु लोक मेहनतिसँ ओहि विधाक रस पाबि लै छथि आ किछु आलसी लोक मेहनति करबाक डरसँ कुतर्कपर आबि जाइ छथि आ ओहि विधामे बिना नियमक हाथ-पएर मारै छथि। साहित्यमे गजल एहने विधा अछि जकर आकर्षणमे मेहनती एवं आलसी दूनू फँसल छथि। मैथिली भाषामे गजल विधामे आलसी रचनाकारक संख्या बेसी अछि आ बिना बहर-काफियाक रचना भरल अछि आ ताहिपर तुर्रा जे ससम्मान अपन रचनाकेँ गजल कहि महान बनि गेल छथि वा महान बनि रहल छथि।  जेना साहित्यमे आलसी लोक छथि तेनाहिते मैथिली संगीतमे सेहो आलसी लोकक भीड़ अछि। गायक-संगीतकार लेल जरूरी जे ओ साहित्य केर विभिन्न विधासँ परिचित रहथि मुदा गायक-संगीतकार तँ अपन क्षेत्रमे मेहनति नै करै छथि तखन ओ साहित्य केर परिचय कोना लेता। ठीक साहित्यक आलसी जकाँ आलसी गायक-आलसी संगीतकार सेहो कचरा गायन ओ संगीत समाजक सामने राखै छथि। साहित्यकारे जकाँ गायक-संगीतकार सेहो गजलक आकर्षणसँ बाँचल नै छथि आ गजलक नामपर जे किछु कचरा भेटै छनि से गाबि लै छथि। ओना किछु एहनो गायक-संगीतकार छथि जिनकामे प्रतिभा छनि मुदा किछु कारणवश ओ बिना बहर-काफियाक रचनाकेँ गजल कहि गाबि लै छथि। हम निच्चा किछु सलाह ओहने प्रतिभावान गायक-संगीतकार सभ लेल लीखि रहल छी जाहिसँ ओ गजल गायनक क्षेत्रमे गलतीसँ बँचताह आ मैथिली गायनमे नीक अकाशक निर्माण करताह--
1) गजलकेँ चीन्हब---जेना कि उपरे कहलहुँ हरेक पद्यकेँ गाएल जा सकैए मुदा तकर ई मतलब नै जे सभ रचना गजले भऽ जेतै। कोनो गायक-संगीतकार लेल ई आवश्यक जे ओ गजलकेँ चीन्हथि। उदाहरण लेल मानू जे सोहर आ निर्गुण दूनू पद्य छै आ दूनू गाएल जाइत छै मुदा कि अहाँ ककरो छठिहारमे निर्गुण गाबि देबै? आ जँ गाबि देबै तँ कि घरबैयासँ अहाँ बचि कऽ अपना घर एबै? अहाँ जखन छठिमे मधुश्रावणीक गीत नै गबै छी, कोजगरामे दुरागमनक गीत नै गबै छी, दुरागमनमे सोहर नै गाबै छी तखन गजलक नामपर, गजल कंसर्टक नामपर आन रचना किए गाबै छी? गायक-संगीतकारसँ हमर झगड़े एहि दुआरे अछि जे ओ गजलकनामपर आन रचना गाबै छथि कारण हुनका गजल की छै से नै बूझल छनि। "आप की अदालत" नामक कार्यक्रममे एकटा दर्शक जगजीत सिंहजीसँ पुछलकै- आपकी गजल है "ना चिट्ठी ना कोई संदेश" जगजीत सिंहजी ओकरा रोकैत कहलखिन जे ई गजल नै गीत छै आ सलाह देलखिन जे सभसँ पहिने ओ रचनाकेँ चीन्हथि। एहि कार्यक्रमक लिंक अछि  https://m.youtube.com/watch?v=2Gu-q0-O6Nc आ प्रश्न देखबाक लेल 24 मिनट 27 सेकेंड समयपर जाउ। हिंदी-उर्दूक गजल गायक सभ एकै एलबममे गजल, नज्म, तराना आदि विधाक रचना गबै छथि आ मैथिल सभ समवेत रूपें ओहि सभ रचनाकेँ गजले मानि लै छथि, अध्य्यन आदि किछु ने करै छथि। कोनो गायक नीक गबै छथि की खराप से हमरा लेल दोसर बात भेल, पहिल बात ई जे ओ गजल गाबै छथि वा गजलक नामपर आन विधाक रचना गाबै छथि। जे गायक कोनो गजलकेँ खराप गाबै छथि से माफी लायक भऽ सकै छथि मुदा जे गायक कोनो आन विधाक रचनाकेँ गजल कहि गाबै छथि (भने नीके किए ने) तँ ओ माफी लायक नै छथि। गायक-संगीतकार गजलकेँ चीन्हथि। गजल लेल बहर ओ काफिया अनिवार्य छै जँ कोनो रचनामे बहर-काफिया समेत गजलक आर गुण नै अछि तँ ओ गजल नै अछि आ गायक-संगीतकार ओकरा गजल नै कहथि। 
2) जे गायक रचनाकारसँ लय सूनि कऽ गाबै छथि तिनका हम गायक नै मानै छी। मैथिलीमे एखन धरि कियो वास्तविक संगीतकार नै भेलाह तकर इएह प्रमुख कारण अछि। रचनाकार जे काँच-पाकल लय देलकनि सएह टा प्रयोग केलथि। गायक लग अपन कोनो कंसेप्ट नै रहैत छनि। बहुत गायक तँ पेट भरबाक लेल वएह परने गाएल गजलक लयपर गाबै छथि जखन कि गजल गायन एकटा अलग विधे छै आ एकरा अलग-अलग लयमे गेबाक चाही। "चुपके-चुपके रात दिन" गजल गुलाम अली गेलाह आर बहुतो गायक-गायिका कंठसँ सेहो निकलल मुदा जे गुलाम अलीजीक लय छनि से आशा भोंसलेक नै छनि मुदा गजल तँ वएह एकै छै। एकटा पोस्टमे मैथिलीक गीतकार चंद्रमणि झा लिखलखिन जे हमर अधिकांश गीतक नव लय नै बनल अछि आ जे गीत प्रचलित अछि तकर लय ओ अपने बनेने छथि। ई वास्तविकता अछि मैथिलीक आलसी गायक सभहक।
3) गायक सभ लग नव लय बनेबाक क्षमता एहि दुआरे नै रहैत छनि कारण ओ शास्त्रीय संगीत नै सिखने रहै छथि। बिना शास्त्रीय संगीत सिखने मंचे-मंच कूदए बला गबैया सभ गायन क्षेत्रमे किछु नै कऽ पबैत छथि। शास्त्रीय संगीत अनुशासनसँ संचालित छै आ जखन कियो एक विधामे अनुशासित भऽ जाइ छै तखन ओ दोसरो विधाक अनुशासनक महत्व बूझए लागै छै। मुदा गबैया सभ तँ अपने विधाक अनुशासन नै बूझल छनि आ एकर प्रभाव ई भेलै जे मैथिली गीत-संगीत कहियो उच्चस्तरीय नै भऽ सकल। 
गजल गायन एकटा अलगे विधा छै। मुहम्मद रफी गजल सेहो गेलाह मुदा हुनका गजल गायनसँ नै चीन्हल गेलनि जखन कि बेगम अख्तर किछु फिल्मी गीत सेहो गेलीह मुदा हुनकर प्रसिद्धि गजल गायनसँ छनि आ हुनका "गजलक रानी" कहल जाइत छै। बहर ओ गद्यात्मक शैलीक कारणे गजल लीखब जकाँ गजल गायन सेहो मेहनति माँगै छै। खास कऽ गद्यात्मक शैलीक कारणे मैथिल गायक सभ गजल गायनमे पिछड़ि जाइत छथि। जँ गायक गजलक नामपर आन रचना लेले छथि तँ ओहि रचनाक गायन गीते जकाँ भऽ जाइत छै। गजल गायनक नामपर जे किछु गाएल गेल छै तकरा सुनू बात स्प्ष्ट भऽ जाएत। एखन धरि मैथिलीमे कियो गजल गायक नै भेलाह जे दाबी करै छथि से गजलक नामपर आन रचनाकेँ गीते जकाँ गेने छथि।
बहुत कथित रचनाकार ई मानै छथि जे हरेक रचनामे खाली साम्यवादी भाव रहबाक चाही, गरीब-गुरबाक बात हेबाक चाही आ प्रेम बला भाव नै हो मुदा एहने रचनाकार सभ अपन असल जीवनमे खूब रस-केलि करै छथि, अनैतिक रूपसँ खूब पाइ कमाइ छथि आ हम साफे कही जे हमरा एहन प्रगतिशीलता नै चाही। प्रगतिशीलता बेबहारमे रहैत छै कागजपर नै। तँइ प्रस्तुत संग्रहमे हरेक तरहँक भावपर गजल भेटत। आब साहित्योमे multilayer (मल्टीलेयर) शब्दक प्रचलन बढ़ि गेलैए। multilayer केर अर्थ छै एक बेर आ एक समयमे बहुत तहरक काज, ओना शब्दकोशीय अर्थ "बहुपरत वा बहुस्तरीय" एही अर्थमे छै। multilayer शब्द कृषि आ विज्ञान समेत अन्य विभागसँ साहित्यमे एलै। कृषिमे multilayer केर अर्थ छै एक खेतमे एक समयमे तीन-चारि टा फसल उपजाएब मुदा देखए कालमे लोककेँ एकै दू फसिल देखाइ। विज्ञानमे सेहो अपन-अपन काजक हिसाबसँ परिभाषा छै। प्रश्न ई जे साहित्यमे multilayer शब्द केर अर्थ की हेतै? बहुत लोक कहै छथि- "जे रचना बहुत बेर पढ़लाक बाद समझमे आबए तकरा multilayer रचना कहबाक चाही।" आ अधिकांशतः लेखक इएह परिभाषा मानै छथि आ पाठक सेहो इएह मानबाक लेल मजबूर होइत छथि। मुदा एहन बात नै छै। हमरा जनैत multilayer रचना ओकरा कहल जेबाक चाही जकरा पढ़लापर एकटा कोनो निश्चित अर्थ बुझाइ आ एकर अतिरिक्त आन अर्थ पाठक-दर-पाठक बदलैत जाएत। अर्थ बदलब एहि दुआरे जे हरेक पाठकक अनुभव अलग होइत छै आ हेरक पाठक अपने अनुभवसँ ओकरा जोड़ै छै। तँइ ई निश्चित जे हम कोनो रचनाक जे अर्थ लगेबै ताहिसँ उल्ट वा अन्य अर्थ दोसर पाठक लगेतै।  मुदा एहिठाम ईहो निश्चित जे हरेक लेखक हरेक रचना multilayer नै भऽ सकैए। वएह रचना multilayer भऽ सकैए जकर भाषा सरल हो मुदा बिम्ब-प्रतीक योजना नव हो अथवा पुराने बिम्ब-प्रतीकक प्रयोग नव अर्थमे भेल हो आ ताहि लेल लेखककेँ अनुभवी होमए पड़तनि, पढ़ए पड़तनि, नव-नव दृश्यकेँ अपन भाषामे मिलबए पड़तनि। आ एतेक काज लेल रचनाकारकेँ मेहनती होबए पड़तनि। आ जखन कोनो रचनाकार एते मेहनति नै करै छथि तखन अपन अबूझ सन रचनाकेँ multilayer कहि दै छथि आ अपन गुटक लोकसँ वाह-वाही लै छथि। मुदा ई बात समय एलापर पता चलि जाइत छै। मुदा एतेक मेहनति केलाक बादो कोनो रचना multilayer छै कि नै छै से जनाबक एकमात्र साधन पाठके छै। पाठक जखन जाहि मनःस्थितिमे रहतै ओहि रचनाक ओ अपना हिसाबें अर्थ लगेतै आ पाठक लग ओ समय केखन एतै से ज्ञात नै। ई बर्ख-शती धरिक बात छै। दालि-भात तरकारी नै छै जे घंटा भरिमे बनाउ आ दस मिनटमे खा लिअ। अते धरि आबि तीन बात स्पष्ट भेल पहिल जे रचनाक भाषा सरल आ एकटा निश्चित अर्थ हेबाक चाही, दोसर जे पाठक अपन-अपन हिसाबसँ अर्थ लगेता। तेसर जे अर्थ लगेबाक समय पाठकक जीवनक घटनासँ तय हेतै मने आजुक लिखल रचनाक अर्थ कोनो पाठक आइयो लगा सकै छथि तँ कियो बीस-पचास सालक बाद। ओना अपवादस्वरूप कठिन भाषामे लिखल रचनाक सेहो सरल अर्थ भऽ सकैए आ ओहो रचना multilayer भऽ सकैए मुदा एखन हम समान्य पाठकक हिसाबसँ मत दऽ रहल छी। आ तँइ हमर समान्य ज्ञान कहैए जे रचना रचबाक क्रेडिट तँ रचनाकारे लग रहतनि मुदा ओहि रचनाकेँ multilayer बनेबाक क्रेडिट अनिवार्य रूपसँ पाठककेँ देबाक चाही। हम पाठककेँ ई क्रेडिट दैत छियनि। जे रचनाकार अपनाकेँ multilayer रचनाक सृजनकर्ता बूझै छथि ओ शायद पाठकपर विश्वास नै करै छथि।  किछु रचनाकार आपत्ति कऽ सकै छथि जे जखन रचनाकेँ multilayer बनेबाक क्रेडिट पाठक लग तखन रचनाकार मेहनति किए करत। मुदा हम एकर उत्तर नै देब, पाठके देतनि एकर उत्तर। मैथिलीमे कोनो आन भाषाक शब्द लेबाक लेल दू टा नियम रखने छी। पहिल शब्दकोशीय नियम जे कि पं. गोविन्द झाजी द्वारा समर्थित अछि जे "कोनो शब्दमे गुरू ध्वनि अन्तसँ चारि मात्राक भित्तरे रहि सकैत अछि, ताहिसँ पूर्व नहि। फलतः मैथिली शब्दक अवसान 22,112,211,121 एही चारि प्रकारक भए सकैत अछि ओ ताहिसँ पूर्व सकल ध्वनि बिनु अपवादेँ लघु रहत यथास0 आकाश, मै0 अकास इत्यादि।” हम अपने ई नियम मानै छी मुदा हमर मानब अछि जे ई नियम श्वासपर आधारित छै जाहि शब्दक बीचमे विराम लेबाक सुविधा छै ताहिमे एहि नियमक कोनो जरूरति नै जेना "सोहागिन" एहि शबद्क उच्चारण "सो-हागिन" मे सो अलग एवं हागिन अलग होइत अछि तँइ एहिमे ई नियम नै लागत मुदा आत्मा, आकाश आदिमे विराम लेबाक सुविधा नै छै तँइ ओकरा कोमल बना कऽ अत्मा, अकास आदि बनाएल गेलै। एकर मतलब ईहो मानू जे आन भाषाक ओहन शब्द जाहिमे विराम लेबाक सुविधा छै ओकरा ओहिना मूल रूपमे हम लेबाक पक्षमे छी आ जाहिमे विराम लेबाक सुविधा नै छै तकरा मैथिलीक अनुकूल हम बनेलहुँ अछि। दोसर नियम ई जे शब्द हमरा अपने भाषामे अछि तकर अर्थ बला आन भाषाक शब्द हम अपना भरि नै लैत छियै। एहि दू नियमकेँ मानैत हम रचना सभमे अन्य भाषाक शब्द सेहो लेने छी। जँ पाठककेँ एहि दू नियमसँ अलग शब्द भेटै छनि तँ ओकरा हमर गलती मानल जाए आ आग्रह जे ओ हमरा सूचित करथि गलती हम सुधारब। बहुत रचनाकार फैशन जकाँ आन भाषाक शब्दक प्रयोग करै छथि आ अपन चेला-चपाटी द्वारा अपनाकेँ महान घोषित करबा लै छथि। हमरा नजरिमे एहन फैशनेबल रचनाकार भाषाक दुश्मन होइत छथि। आने भाषाक शब्दक गलती किए जँ मैथिली शब्दक गलत वर्तनी, मात्राक्रमक गलती एवं आन कोनो गलती एहि पोथीमे छै तँ ओकरा हमरे गलती मानल जाए आ आग्रह जे पाठक हमरा सूचित करथि हम ओकरा सुधारबै। पाठक सभ 2122- 2122 वा 2122+2122 केँ एकै मानथि। मात्र लिखबाक तरीका अलग छै। तेनाहिते जाहि गजलक मात्राक्रम दीर्घे-दीर्घ हो (22-22-22, वा 22-22-22-22 आ एनाहिते) से बहरे मीर भेल। एहिमे दू अलग-अलग लघुकेँ सेहो दीर्घ मानि लेल जाइत छै। एहन किछु गजलक निच्चा बहरे मीर लिखलो अछि आ किछुमे नहियो लीखल अछि। पाठक एहन सभ बहर बला गजलकेँ बहरे मीर जानथि। किछु एहनो बहरक प्रयोग भेल अछि जकर नाम छै मुदा से हम जानि बूझि कऽ नै देलहुँ अछि कारण हमर अभीष्ट अछि बहर ओ नियमक पालन करब नाम गनाएब नै। तथापि पाठक हमर व्याकरण बला पोथीसँ नाम जानि सकै छथि।
साहित्यमे नव प्रयोग केर बहुत होइत छै आ हेबाके चाही। प्रयोग नै हेतै तँ नव-नव अर्थ ओ भाव नै आबि सकैए साहित्य आ जीवनमे। एहिठाम सभ अपनाकेँ नव प्रयोग केनिहार कहैत छै मुदा हम सगर्व घोषित करैत छी जे हम प्रस्तुत संग्रहमे कोनो नव प्रयोग नै केने छी। वर्तमानमे हम कोनो प्रयोग अथवा नव प्रयोग करहे नै चाहैत छी आ एकर कारण छै। प्रयोग दू तरहसँ होइत छै पहिल तरीका जे आइडिया अनचोक्केमे अबैत छै आ तकर स्थापना सुसंगत ढ़ंगसँ प्रयोग केनिहार दै छै उदाहरण लेल न्यूटन द्वारा गुरुत्वार्षण केर खोज मुदा आइडिया तँ अचानक आबि सकैए मुदा तकर स्थापना लेल ओहि आइडियासँ संबंधित विषयक विद्वान रहब तखने स्थापना दऽ सकैत छी अन्यथा अहाँ लग ओकरा चमत्कार मानैत रहबाक अतिरिक्त आर कोनो उपाय नै। दोसर तरीका जे अहाँ कोनो प्रचलित आइडियासँ असंतुष्ट हएब आ ओकरा संगत बनेबाक लेल प्रयोग करब आ ओकर पक्ष-विपक्षमे स्थापना देब मुदा अहू लेल ओहि आइडियासँ संबंधित विषयक विद्वान रहनाइ आवश्य अन्यथा अहाँ प्रयोग नै कऽ सकैत छी। एकटा पाकशास्त्रक उदाहरण लिअ आ मानू जे अहाँ पुलाव बनेबामे ओस्ताद छी तँ अहाँ चाउरक क्वालिटी बदलि प्रयोग कऽ सकै छी, काजू संग आर कोनो सूखा मेवा दऽ प्रयोग कऽ सकै छी आ तखन ओकर सुआदक आकलन कऽ सफल बनि सकै छी मुदा जँ अहाँकेँ पुलाव बनाबहे नै आबैए तखन की करबै? सिखबै वा कि प्रयोग करबै? गजल कहनाइ हम एखन सीखिए रहल छी तँइ हम कोनो तरहक प्रयोगसँ बचलहुँ अछि। ओनाहुतो मैथिलीमे देखल गेलैए जे जखन रचनाकार लग अपन स्थापना लेल उचित तर्क नै रहै छनि तखन ओ ओकर नाम "नव-प्रयोग" दऽ दै छथि से हम ने केलहुँ अछि। साहित्यमे सभ आदमी छंदकेँ तोड़ि देब "नव-प्रयोग" मानै छथि। जखन कि नव प्रयोग छंदक विस्तार ओ छंदक अंतर्गत नव विषय, नव कथन अथवा पुरने विषयकेँ नव तरीकासँ कहब हेतै हमरा हिसाबें। हम छंदक अंतर्गत जे किछु रचना प्रस्तुत केलहुँ हमरा ताहीमे संतोष अछि आ प्रयास रहतै जे सिखलाक बाद हम नव-प्रयोग सेहो करी।
हम बहुत भाषण दऽ देलियै। आब बिना भाव, बिना लय, बिना कोनो प्रयोगक मुदा छंदयुक्त हमर गजल संग्रह "जंघाजोड़ी" अहाँ सभहक हाथमे अछि आ अहाँ सभ के पढ़िते देरी एहि गजलमे भाव ओ लय आबि जेतै से हमर विश्वास अछि। भाव ओ लय अनुभवक नाम छै आ हमरा अपन अनुभव संगे-संग अहाँक अनुभवपर पूरा विश्वास अछि। 
आशीष अनचिन्हार


 1

कट्ठा बिग्घा धूरे धूर
सौंसे देखल भूरे भूर

अप्पन अप्पन मतलब लेल
दुनियाँ भेलै चूरम चूर

नेहक लागल बड़का रेस
हमहूँ दौड़ल पूरे पूर

चंदा तारा हुनके आगु
हमरा लागै दूरे दूर

रहलै आँगन कनियें देर 
बाँकी केलक टूरे टूर

सभ पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम अछि।




2

हाथ बढ़लै दुन्नू दिससँ
डेग उठलै दुन्नू दिससँ

थरथराइत देहक भास
ठोर सटलै दुन्नू दिससँ

कहि रहल ई गर्मी आब
आगि लगलै दुन्नू दिससँ

लात फेकै छै जनतंत्र
लोक फँसलै दुन्नू दिससँ

घोघ उठलै साँझे राति
चान उगलै दुन्नू दिससँ

बान्ह टुटलै एलै पानि
लोक भगलै दुन्नू दिससँ

हरेक पाँतिमे 2122-2221 मात्राक्रम अछि।


3

लिखबाक छल गरीबक लचारी गजल
देखू मुदा लिखल हम सुतारी गजल

हम आब बेचि लेलहुँ हँसी आ खुशी
बाँचत कते समय धरि उधारी गजल

अन्हार आब भगबे करत घरसँ यौ
भगजोगनीक संगे दिबारी गजल

सभ चप उलारकेँ खेलमे मग्न अछि
जनताक टूटि रहलै दिहाड़ी गजल

फरि गेल छै कबइ कवि अपन देशमे
सौंसे सुना रहल बेभिचारी गजल

सभ पाँतिमे 2212-122-122 मात्राक्रम अछि।



4

ओकर हाथसँ छूल अछि देह
सदिखन गम गम फूल अछि देह

प्रेमक उच्चासन मिलन छैक
दू टा घाटक पूल अछि देह

कोना चलि सकतै गुजर आब
देहक तँ प्रतिकूल अछि देह

गेन्दा सिंगरहार छै मोन
चम्पा ओ अड़हूल अछि देह

ऐठाँ अनचिन्हार चिन्हार
सभ देहक समतूल अछि देह

हरेक पाँतिमे 222-2212-21 मात्रा क्रम अछि।



5

कियो घिरनी सन बना गेल हमरा
अपन आँचरपर नचा गेल हमरा

गरीबक नोरसँ सरापसँ धनी छै
बुझू ई गप्पे लजा गेल हमरा

जरब डिबिया सन छलै मोनमे ई
मुदा अधरतिये मिझा गेल हमरा

सुखाइत पोखरि तँ बाजल इनारसँ
मनुख असगर पी सुखा गेल हमरा

तँ ओ मरि गेलाक बादे कहत किछु
भरोसक सीमा जिया गेल हमरा

हरेक पाँतिमे 1222+2122+122 मात्राक्रम अछि।


6

किछु ने बाँचल तोरा लेल
नोरे साँठल तोरा लेल

गम-गम गमकै तोहर देह
छै सभ मातल तोरा लेल

हम घेंटो काटल रहि रहि क'
जीहो जाँतल तोरा लेल

पंडित मुल्ला पासी संग
ताड़ी चाखल तोरा लेल

रौदी दाही अन्हड़ बाढ़ि
ई अवधारल तोरा लेल

सभ पाँतिमे 222-222-21 मात्राक्रम अछि।


7

सीताक बनबास छी हम
बौआ रहल आस छी हम

दाहीक संगे तँ रौदी
उपटल सनक चास छी हम

हमरा बुझाएल एना
जेना हुनक खास छी हम

भुखले तँ मरि गेल जै ठाँ
तै ठाँक मधुमास छी हम

सुर ताल छी राग सेहो
नोरसँ सजल भास छी हम

सभ पाँतिमे 2212+2122 मात्राक्रम अछि।


8

मीडिया इच्छाधारी छी हम
कारपोरेटक नाती छी हम

बाँट बखरा आ सभ दिन झगड़ा
लड़ि क' भागल भैयारी छी हम

पीबि लिअ डेराइत मुस्काइत
भोरका उतरल ताड़ी छी हम

सभ उपल्बध छै हमरा लगमे
दंद फंदक बेपारी छी हम

टाट परहँक तिलकोरक तरुआ
चार परहँक तरकारी छी हम

सभ पाँतिमे 2122+22222 मात्राक्रम अछि।


9

जे हमरा लेल विपदा अछि
से हुनका लेल सुविधा अछि

खसि पड़लै नोर ऐठाँ से
किनको सुख केर बखरा अछि

एहन जीवन तँ सभ चाहत
ऐ प्रेमक नाम झगड़ा अछि

नै ओसेबै तँ सर्वोत्तम
हम्मर जिनगी त खखरा अछि

उठलै अनघोल चारू दिस
सगरो घोघक तँ पहरा अछि

सभ पाँतिमे 2222+1222 मात्राक्रम अछि।


10

डगर डगर मुँहतक्की छै
जकर तकर मुँहतक्की छै

सरकार भेलै ओकरे
सगर नगर मुँहतक्की छै

घड़ी घड़ी छन छन पल पल
पहर पहर मुँहतक्की छै

गुप्त खाता खोलि देखू
ककर ककर मुँहतक्की छै

धुँआएल मूँहक संगे
जगर मगर मुँहतक्की छै

सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबा छूट लेल गेल अछि (बहरे मीर)।



11

कहिया हेबै उरीन बाबा
कम छै श्वासक जमीन बाबा

नचलहुँ हम गाम नग्र कारण
ढ़ौआ सनकेँ तँ बीन बाबा

सभहँक झगड़ा रहै घरे भरि
बाहर आनै अमीन बाबा

मजदूरक काज करत रोबो
हँसि रहलै ई मशीन बाबा

भेटत हुनकर सिनेह हमरा
कहिया हेतै सुदीन बाबा

हरेक पाँतिमे 22+2212+122 मात्राक्रम अछि।



12

ओ केखनो दवाइ बनि गेल
आ केखनो कसाइ बनि गेल

गप्पे छलै पचास बिग्घाक
सभ योजना हवाइ बनि गेल

हम उड़ि रहल छलहुँ अनेरेक
ओ संगमे लटाइ बनि गेल

आँखिक कमाल की हँसी केर
मोनक जहर मिठाइ बनि गेल

जेबी हमर ससुर जकाँ बौक
मँहगी तँ घर जमाइ बनि गेल

सभ पाँतिमे 2212+12+1221 मात्राक्रम अछि।



13

शीत सन शीतल तरल उज्जर हँसी
कंच परहँक ओस अछि हुनकर हँसी

आइ चुप छथि ओ बहुत देरसँ किए
काल्हि बड़ ठहकल रहै जिनकर हँसी

गहुमने सनकेँ तँ ईहो तेज छै
ढ़ोरिया सभ हँसि रहल साँखर हँसी

धाह देहक होइ छै अजगुत सनक
गलि क' बहि गेलै तुरत पाथर हँसी

लोकतंत्रक भीड़मे छै पेंच यौ
मोटका सन बुझि पड़ै पातर हँसी

सभ पाँतिमे 2122+2122+212 मात्राक्रम अछि।



14

ई सभ चर्चित भेलै
ओ सभ वर्जित भेलै

कनिएँ अर्जित भेलै
बहुते गर्वित भेलै

केकरो सुख लेल ओ
बहुते मर्दित भेलै

हुनकर मुँहदेखीमे
वएह अर्पित भेलै

अते सुरक्षा देखि कऽ
खतरा हर्षित भेलै

सभ पाँतिमे 22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबा छूट लेल गेल अछि (बहरे मीर)।


15

आब अप्पन आसन लेल
टाट चाही आँगन लेल

सत्य ईहो छै रे भाइ
मृत्यु चाही जीवन लेल

नेह चाही अपने हमरा 
टीस चाही साजन लेल

राज्य नै चलतै हुनकासँ 
नेत चाही शासन लेल 

भोग चाहथि साधू संत
जोग चाही राजन लेल

सभ पाँतिमे 2122 2221 मात्राक्रम अछि। तेसर शेरक पहिल पाँतिक अंतिम दीर्घकेँ लघु मानि लेबाक छूट लेल गेल अछि।


16

सपनाइत रहलहुँ हम राति भरि
धुधुआइत रहलहुँ हम राति भरि

मेला सुख सेहंता केर छै
मोलाइत रहलहुँ हम राति भरि

ओ राकस छै की महँगाइ छै
भुतिआइत रहलहुँ हम राति भरि

नूआ ब्लाउज धोती पैन्ट छी
फेराइत रहलहुँ हम राति भरि

हमरा संगे अनचिन्हार छै
चकुआइत रहलहुँ हम राति भरि

सभ पाँतिमे 22-222-2212 मात्राक्रम अछि।


17

दूर जते जाएब अहाँ
लग ओते आएब अहाँ

जँ खसब कहियो कत्तौ
हमरा तँ उठाएब अहाँ

बिसरब तँ बिसरि जाउ मुदा
नोरेसँ नहाएब अहाँ

सोना सन सूरति अप्पन
कहिया देखाएब अहाँ

मेटा जेतै सभटा दुख
घोघ जँ हटाएब अहाँ


सभ पाँतिमे 22-22-222 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग शब्दक लघुकेँ एकटा दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।



18
ओकर हँसीमे उधिआइ छी हम
ओकर खुशीमे नितराइ छी हम

हेतै हजार रस्ता जीवनमे
एकै बाटपर घुरिआइ छी हम

एहन ओहन अत्ते ओत्ते
आब बस अतबे सपनाइ छी हम

किए किए नै तइपर
असगरमे खूब अगुताइ छी हम

अनचिन्हार बनि कऽ आएल रही
अनचिन्हारे बनि कऽ जाइ छी हम

सभ पाँतिमे 222-222-222 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानि लेबाक छूट लेल गेल अछि (बहरे मीर)। 
19

बहुते प्रयास केने छै
अपने विकास केने छै

किछु ने किछु हेबे करतै
से सभ अभास केने छै

गालक लाली कहलक ई
खाता विलास केने छै

असली भूखक शोध लेल
नकली उपास केने छै

अनचिन्हारक मोन लगा
हमरा उदास केने छै

सभ पाँतिमे 222-222-2 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानि लेबाक छूट लेल गेल अछि (बहरे मीर) ।




20

आरे तिरपित पारे तिरपित
कनहा कुक्कुर माँड़े तिरपित

सुस्ता रहलै सरकार चुना
देशक जनता ठाड़े तिरपित

मनबैए मधुमास धनिकबा
हम्मर भाग अखाढ़े तिरपित

दुन्नू साँझ उठौना लागल
बाछी हमर लथारे तिरपित

जोर अछार हुनक आँगनमे
हमर दुआरि सुखाड़े तिरपित

सभ पाँतिमे 222+222+22 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानि लेबाक छूट लेल गेल अछि (बहरे मीर) । ई गजल अनचिन्हार आखरमे सरल वार्णिक रूपमे प्रस्तुत भ' चुकल अछि।




21

कौने नगरिया से एलै एहन बेपारी रे जान
रे जान भेलै मँहगा तीमन ओ तरकारी रे जान

मोटा क' ओ जे फूलल छै से कोना फुललै रे जान
रे जान खेने हेतै सभटा धन सरकारी रे जान

संसदमे बैसल नेता लागै छै हीरो सन रे जान
रे जान ईहे सभ छै सभ दिनुका अवतारी रे जान

हमरा कहै जे जनता सभकेँ सुविधा देबै रे जान
रे जान भोटक बादे धरतै बड़ बेमारी रे जान

हुमरै तँ बाछी सनकेँ चुकरै छै पाड़ा सन रे जान
रे जान खुट्टा संगे बहुते छै चुचकारी रे जान

सभ पाँतिमे 2212-222-222-222-221 मात्रा क्रम अछि। ऐ गजलमे तकाबुले रदीफ नामक दोष अछि मुदा गोदना गीतक फार्मकेँ देखैत ई दोष अनिवार्य अछि। ऐ गजलक तेसर शेरक पहिल पाँतिम "मे" लघु रूपमे लेल गेल अछि।



22

तोहर केश अन्हरिया राति
सौंसे देश अन्हरिया राति

हुनका संगमे रहि जेबाक
दै निर्देश अन्हरिया राति

सुंदर आँखि बनलै दरबार
भेलै पेश अन्हरिया राति

हुनकर रूप छै दैवक देल
लागै बेश अन्हरिया राति

देहक भोर आ मोनक साँझ
छथि हृदयेश अन्हरिया राति

प्रिय संवाद आ प्रिय संदेश
प्रिय आवेश अन्हरिया राति

सभपाँतिमे 2221 + 2 + 2221 मात्राक्रम अछि।

23

उधियाइत बसात चुप्पे रहू
पदुराइत बसात चुप्पे रहू

चारू दिस पसरि रहल छै धुआँ
उड़िआइत बसात चुप्पे रहू

कुंठा खूब लहलहाइत रहल
किकिआइत बसात चुप्पे रहू

मुस्काएत ओ अहूँपर कने
ठिठिआइत बसात चुप्पे रहू

उठतै घोघ बस कने कालमे
चकुआइत बासत चुप्पे रहू

सभ पाँतिमे 2221+ 2122+12 मात्राक्रम अछि। ई गजल अनचिन्हार आखरमे सरल वार्णिक बहरमे प्रकाशित भेल अछि।




24

गीतक आखर आखर धारकेँ मोन छैक
रीतक आखर आखर धारकेँ मोन छैक

विश्वासक नै छै किछु मोल ऐठाम आब
प्रीतक आखर आखर धारकेँ मोन छैक

खुब्बे खेलक हारल नेतबा सभ मिठाइ
जीतक आखर आखर धारकेँ मोन छैक

कट्ठा बिग्घा के उपजा लिखल नोर संग
बीतक आखर आखर धारकेँ मोन छैक

लगबैए अगिया बैताल आगि मुदा ई
सीतक आखर आखर धारकेँ मोन छैक

सभ पाँतिमे 222+222+2122+121 मात्राक्रम अछि। अंतिम शेरक पहिल पाँतिमे आगि केर मात्राक्रम 2-2 करबाक छूट लेल गेल अछि संगे संग अंतिम दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट सेहो लेल गेल अछि। सभ गोटासँ आग्रह जे ऐ पाँतिक बदलामे दोसर पाँति बताबथि।




25

नेहो लागि रहलै अधीन जकाँ
लच्छन सभ लगैए कुदीन जकाँ

बितलै साँझ दिन भोर राति हुनक
चुप्पेचाप छथि ओ मशीन जकाँ

हमरा देखलथि आइ नीकसँ ओ
अजुका दिन लगैए सुदीन जकाँ

बुझिए गेल हेबै अहूँ तँ कने
मोनक बीच रेघा महीन जकाँ

आँखिक नोर एलै करेजसँ आ
हुनकर दर्द बनलै करीन जकाँ

सभ पाँतिमे 2221+22+121+12 मात्राक्रम अछि।




26

मस्जिद महँक भगवान छी हम
मन्दिर महँक रहमान छी हम

चढ़लहुँ अपन कन्हा तखन आइ
रामक बनल हनुमान छी हम

हटलो रहू सटलो रहू से
चिचिया रहल समसान छी हम

संतान अछि सैतान मीता
खाली महल दरबान छी हम

तीसी हँसल सरिसों सजल आ
गुम्हरि रहल नव धान छी हम

सभ पाँतिमे 2212+2212+2 मात्राक्रम अछि। दोसर शेरक पहिल पाँतिक अंतमे 1टा लघु अतिरिक्त लेबाक छूट लेल गेल अछि।




27

कंच संग कंचन छै
हारि संग वंदन छै

बिख ल' नाचि उठलहुँ हम
दर्द केर मंथन छै

साँप घुमि रहल सौंसे
लग लगीच चंदन छै

ठोर चूमि कहलक ओ
प्रेम पाप भंजन छै

नोर खसि पड़ल जैठाँ
भूमि ओ तँ कुंदन छै

सभ पाँतिमे 21+2122+2 मात्राक्रम अछि।




28

सरकारो हुनके छलै
हथियारो हुनके छलै

मूरख तूरख सभ कियो
बुधियारो हुनके छलै

गायक वादक बाइजी
दरबारो हुनके छलै

सुखलै मरलै जीव सभ
ई धारो हुनके छलै

लागल नै किछु दाम बस
पैकारो हुनके छलै

सभ पाँतिमे 2+2221+2 मात्राक्रम अछि।




29

पानि एना बरसल रे सुगबा
खेत ओक्कर सुक्खल रे सुगबा

भोट पड़लै ढ़ाकी के ढ़ाकी
लोकतंतर तरसल रे सुगबा

धाह लगलै एते चमड़ीमे
बिलसँ ओ सभ निकलल रे सुगबा

बस अकासे बाँचल फाइलमे
माटि चम चम चमकल रे सुगबा

कामिनी कंचन कादम्बक संग
मोन सभहँक बहसल रे सुगबा

सभ पाँतिमे 2122+222+22 मात्राक्रम अछि। अंतिम शेरक पहिल पाँतिक अंतमे एकटा अतिरिक्त लघु लेबाक छूट लेल गेल अछि।



30

लबनी फुटैए सपनामे
पासी हँसैए सपनामे

काजरसँ पाथर पिघलल छै
टप टप चुबैए सपनामे

जागल मनोवृति सैंतल जे
बहसल लगैए सपनामे

सोहाग एहन अछि चमकल
सपना अबैए सपनामे

चिन्हार अनचिन्हारक संग
गरदनि कटैए सपनामे

सब पाँतिमे 2212+2222 मात्रा क्रम अछि। अंतिम शेरक पहिल पाँतिकेँ अंतमे अतिरिक्त लघु लेबाक छूट लेल गेल अछि।




31

तिताइन हँसी
बिसाइन हँसी

छी वैष्णव मुदा
मछाइन हँसी

पसरि गेल छै
खराइन हँसी

पिबै छी अहाँ
खटाइन हँसी

हमर ठोरपर
सड़ाइन हँसी

सभ पाँतिमे 122+12 मात्राक्रम अछि। दोसर शेरक पहिल पाँतिक पहिल शब्दकेँ लघु मानि लेबाक छूट लेल गेल अछि।




32

जल्दीसँ लगबियौ बंसीमे बोर बाबा
बीतत समय तँ भेटत बस अंगोर बाबा

मारल छलहुँ पिआरक की निंदक पता नै
नहिये पता चलल जे भेलै भोर बाबा

नै कहब नै कहू हमरा दुनियाँ बुझैए
जे कोन धनसँ सुड़कै छी नित झोर बाबा

रटि वेद आ कुरानक आखर बिसरलहुँ हम
खाली इयाद रहलै हुनकर ठोर बाबा

पिच छै क्रिकेटकेँ अवसर आएत नै फेर
सिक्सक भरोसपर नै छोड़ू फोर बाबा

सभ पाँतिमे 2212+1222+2122+2 मात्राक्रम अछि। अंतिम शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु अतिरिक्त लघु अछि घुटक तौरपर।




33

हुनका चाही काबा काशी
हमरा चाही लबनी पासी

हँसि हँसि गाबै माँलक बनियाँ
उजड़ल उपटल गामक चासी

उज्जर निरमल चकमक चकमक
कारी कारी मोनक वासी

बड़ भारी अछि नामक महिमा
तैयो दरसन के अभिलाषी

चूबै अमरित हुनकर ठोरसँ
पी पी बनलहुँ हम अविनाशी

सभ पाँतिमे 22+22+22+22 मात्राक्रम अछि (बहरे मीर) ।

34

बस पात छलै
नै भात छलै

जे आगू छल
से कात छलै

हम साँझ छलहुँ
ओ प्रात छलै

हँसि हँसि बाजल
किछु बात छलै

हारल थाकल
अहिबात छलै

सभ पाँतिमे 2222 मात्राक्रम अछि। सभ शेरमे दूटा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि (बहरे मीर) (बहरे मीर) ।




35

सजि क' एलै इजोरिया के फूल
प्राण झिकतै इजोरिया के फूल

बीछि लिअ रौद मोन भरि आँगनमे
हम तँ बिछबै इजोरिया के फूल

अंतमे संग लेल हमहीँ ठीक
छोड़ि भगतै इजोरिया के फूल

खूब बेचू अहाँ हँसी के भेद
नोर किनतै इजोरिया के फूल

जागि गेलै इयाद सभ चुपचाप
फेर कनतै इजोरिया के फूल

सभ पाँतिमे 2122+121222+1 मात्राक्रम अछि। दोसर शेरक पहिल पाँतिक अंतिम दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि।

36

हाथमे वेद रहै
जीहमे छेद रहै

घेंटमे घेंट फँसल
मोनमे भेद रहै

ठोर बस हँसि रहल
मोन निर्वेद रहै

खून सभ चूसि रहत
से तँ उम्मेद रहै

साँप सभ एक समान
मात्र विष भेद रहै

सभ पाँतिमे 212+2112 मात्राक्रम अछि। अंतिम शेरक पहिल पाँतिमे अंतमे अतिरिक्त लघु लेबाक छूट लेल गेल अछि

37

चिक्कन चुनमुन पात छलै
सुंदर सन अहिबात छलै

कनिते बीतल साँझ राति
केहन खुनिया प्रात छलै

मिड डे मीलक झगड़ा सन
फेकल फाकल भात छलै

सुग्गा मैना पंच बनल
बगड़ा बगड़ी कात छलै

दिल्ली हो वा दरभंगा
छूटल बोनि बुतात छलै

सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि।दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि (बहरे मीर)।




38

गेलहुँ हम हुनका लग
एलथि ओ हमरा लग

चोट छलै पैघ मुदा
बजबै हम ककरा लग

रंगक धुरखेलामे
करिया छै उजरा लग

हमर देह हुनक देह
धधरा छै धधरा लग

बनि गेलै जोग हमर
अपने छथि पतरा लग

सभ पाँतिमे 22+22+22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग शब्दक लघुकेँ एकटा दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि (बहरे मीर)। 



39

दुनियाँ अन्हार तोरा बिनु
सभटा बेकार तोरा बिनु

हेड़ा गेलै हँसी हम्मर
छै नोरक धार तोरा बिनु

आँचर काजर पिआसल छै
नै छै उद्धार तोरा बिनु

तोहर छोड़ल इयादे टा
करतै उपकार तोरा बिनु

चीन्हल जानल मुदा तैयो
छी अनचिन्हार तोरा बिनु

सभ पाँतिमे 2222-1222 मात्राक्रम अछि




40

दिनगर मुदा तैयो तँ अन्हार बड़
ऐ ठाम छै उल्लूक जैकार बड़

जै देशमे खाली बलत्कार छै
तै देशमे धर्मक चमत्कार बड़

ई साँइ छै ई राम छै ई खुदा
ऐ लेल उठि गेलैक हथियार बड़

छै लक्ष्य बौआएल आ बेकहल
देखू मुदा हुनकर तँ सिंगार बड़

आँगन उदासल छै पिआसल दुआरि
चुपचाप ताकै हमरा ई चार बड़

सभ पाँतिमे 2212-2212-212 मात्राक्रम अछि। चारिम आ पाँचम शेरमे एकटा-एकटा दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि। पाँचम शेरक पहिल पाँतिक अंतमे एकटा लघु अतिरिक्त अछि।




41

कागजपर विकास लिखल छै
बस औंठा निशान बचल छै

एबे करतै कहियो ने कहियो
आसेपर अकास टिकल छै

हेतै बाँट फाँट आ बखरा
भैयारी तँ खूब जुटल छै

भुज्जा सन बनल छै ई सपना
फूटल खा कऽ काँच छुटल छै

ओ जे खून छै से तँ ऐठाँ
नोरे सन निकलि कऽ खसल छै

सभ पाँतिमे 2221+21122 मात्रकाक्रम अछि। दोसर, तेसर, चारिम आ पाँचम शेरमे शब्दक अंतिम दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि।




42

सगरो सुनलहुँ ठोरे ठोर हो रामा
महँगी एलै भोरे भोरे हो रामा

सरकारक संगे हमरा लगैए जे
भगवानो छै चोरे चोर हो रामा

हँसि रहलै बइमानक संग दल बदलू
भलै जनता नोरे नोर हो रामा

चुनि चुनि खेलक माउस आब जनता लेल
बचलै खाली झोरे झोर हो रामा

अठपहरा छै मजदूरक मुदा तैयो
हमरे टूटै पोरे पोर हो रामा

सभ पाँतिमे 222+2222+1222 मात्राक्रम अछि। चारिम शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु अतिरिक्त अछि।




43

ओम्हर लव जेहाद छलै
एम्हर लव संवाद छलै

बिहुँसल ठोर हमर तोहर
आ पसरल उन्माद छलै

गड़िए गेलै अनचोक्कहि
काँटे सन तँ इयाद छलै

पसरल जे सौंसे दुनियाँ
छोट्टे सनक फसाद छलै

खुब्बे बढ़लै प्रेम हमर
हुनकर नेहक खाद छलै

सभ पाँतिमे 22+22+22+2 मात्राक्रम अछि। दूटा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि (बहरे मीर)।




44


गहूमो नै भेलै धानक पछाति
उदासल खेतो खरिहानक पछाति

गबैए माए समदाउन उदासी
बहुत कानै सेनुरदानक पछाति

अकासक कोना कोना टेबि हम
पहुँचबै सूरज धरि चानक पछाति

बचा रखिहें कनियों अमरित गे बहिना
नै देतौ बेटा विषपानक पछाति

बिसरि जेबै जकरा तकरा तँ हम
इयादो करबै शमसानक पछाति

सभ पाँतिमे 1222+2222+12 मात्राक्रम अछि। मतला सहित आन पाँति सभक अंतमे एकटा अतिरिक्त लघु लेबाक छूट लेल गेल अछि




45

एम्हर नोरक टघार आँगनमे
ओम्हर सुखके पथार आँगनमे

ई तोहर ई हमर रहत बुझि ले
भेलै एहन विचार आँगनमे

की लेबै आ कतेक लेबै दाइ
देखू पसरल बजार आँगनमे

नगदी भेलै जखन कने बेसी
दौगल एलै उधार आँगनमे

सगरो दुनियाँसँ बचि कऽ एलहुँ हम
लागल कसगर लथार आँगनमे

सभ पाँतिमे 22+2212+1222 मात्राक्रम अछि




46

बितलै राति भेलै भोर गे बहिना
रहि गेलै पियासल ठोर गे बहिना

आसक नामपर खेपल अपन जीबन
के पोछत हमर दुख नोर गे बहिना

रहलहुँ राति भरि उसनैत अपनाकेँ
साँचे दुखमे छै बड़ जोर गे बहिना

गुड्डी बनि छलहुँ उपरे उपर सदिखन
के तोड़लकै नेहक डोर गे बहिना

अनचिन्हार देलक किछु निशानी आ
दुनियाँ लागै बस अंगोर गे बहिना

सभ पाँतिमे 2221+2221+222 मात्राक्रम अछि। तेसर, चारिम आ मक्तामे 1-1टा दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि।




47

बड़का बड़का दाबी छै
हम पंडित ओ पापी छै

हपसै सभ निकगर भोजन
हमरे लागल जाबी छै

हम्मर नूआ सस्ता सन
हुनकर नूआ दामी छै

खुलबे करतै ताला ई
हमरा लग ओ चाभी छै

अन्हारक संगे डिबिया
असगर बैसल बाती छै

सभ पाँतिमे 222+222+2 मात्राक्रम अछि (बहरे मीर) ।




48

ब्रम्हसँ बेसी छागर उताहुल
हाथसँ बेसी आँचर उताहुल

मोन बहकि गेलै कोहबरमे
ठोरसँ बेसी आखर उताहुल

प्रेम मिलनमे के छोट नमहर
धारसँ बेसी सागर उताहुल

घोघ रहस्यक पेटार भेलै
दोगसँ बेसी बाहर उताहुल

रंग रभस रस कोना नुकेतै
आँखिसँ बेसी काजर उताहुल

सभपाँतिमे 21+1222+2122 मात्राक्रम अछि। मक्तामे एकटा दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि। "ब्रम्हसँ बेसी छागर उताहुल" ई एकटा मैथिली लोकोक्ति अछि।




49

जाल झटपट खसैए पानिमे
माछ छटपट करैए पानिमे

हाथमे हाथ लागै नीक बड़
हाथ लटपट लगैए पानिमे

माटिपर जे सिनेहक धार छै
तकरे खटपट कहैए पानिमे

आम छै काँच पाकल डम्हरस
टूटि भटभट खसैए पानिमे

बोल जक्कर बिकेलै घाटपर
आब पटपट बजैए पानिमे

सभ पाँतिमे 2122+122+212 मात्राक्रम अछि तेसर शेरक दोसर पाँतिमे एकटा दीर्घकेँ लघु मानल गेल अछि।




50

उधारक बेर हमहीं रहबै
हिसाबक बेर हमहीं रहबै

रहै जजमान कतबो किनको
प्रसादक बेर हमहीं रहबै

सबूतक ढेरपर नाचत सभ
फसादक बेर हमहीं रहबै

पिया देतै भने अमरित ओ
पियासक बेर हमहीं रहबै

कियो बनबे करत सिंदूर
पिठारक बेर हमहीं रहबै

सभ पाँतिमे 1222+122+22 मात्राक्रम अछि। अंतिम शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघुकेँ संस्कृत हिसाबें दीर्घ मानल गेल अछि।




51

नौकर बनलै गरीब बच्चा
होटल मोटल ईंटा भट्ठा

रसगुल्ले सन के जीवन छै
दुइए दिनमे खट्टा खट्टा

अपना अपनी केलहुँ बड़ाइ
अपने कहलहुँ अच्छा अच्छा

अइ नेहक मारल हमहूँ छी
दुनियाँ लागै फिक्का फिक्का

किछु परसादी हमरो भेटल
हमहूँ खेलहुँ फक्के फक्का

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।






52

कमसँ कम एकौटा फूल दे गे मलिनियाँ
नीक नै अपने समतूल दे गे मलिनियाँ

राखि ले गेंदा बेली चमेली गुलाबो
बस हमर कोंढ़ी अड़हूल दे गे मलिनियाँ

घाटपर बैसल हम बाट जोहै छी तोहर
थरथराइत देहक पूल दे गे मलिनियाँ

राहु शनि मंगल बुध केतु वशमे मुदा तों
प्रेम सनकेँ ग्रह अनुकूल दे गे मलिनियाँ

आम संगे महुआ महुआ संग आमे टा झूलै
एहने सन झूलाझूल दे गे मलिनियाँ

सभ पाँतिमे 2122+222+122+122 मात्राक्रम अछि।




53

हमरो दिस ताकू राम
जेबै किम्हर बाजू राम

एलै हमरे दिस हँसि हँसि कऽ
खुरपी खंती हाँसू राम

इच्छा पायल इच्छा गीत
भरि भरि इ्च्छा नाचू राम

हुनके टा लग गेलै सत्य
भेलै केहन जादू राम

इच्छा मंथनमे जे रत्न
भेटल से से दाबू राम

सभ पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम अछि।




54

देह धधकि धधकि जाइ छै
मोन बहकि बहकि जाइ छै

बोल गमकि गमकि जाइ छै
नेत महकि महकि जाइ छै

भात रमकि रमकि जाइ छै
दालि लहकि लहकि जाइ छै

गाछ छमकि छमकि जाइ छै
पात चहकि चहकि जाइ छै

खेत लसकि लसकि जाइ छै
पेट सनकि सनकि जाइ छै

सभ पाँतिमे 21+12+12+212 मात्राक्रम आ 11 वर्ण अछि।





55

जकरे मारल मरलहुँ से
पुछलक तोरा मारल के

मूनल रहतौ आँखि हमर
तइ के बदला हमरो दे

देलक चिन्हासी प्रेमक
कहबे करबै खिस्सा गे

श्वासक आसक विश्वासक
टूटल अत्मा तोंहू ले

बाड़ी झाड़ी छोड़ल हम
उर्सी कुर्सी भेटल जे


सभ पाँतिमे 222+222+2 मात्राक्रम अछि। दूटा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल छै।




56

अगम अथाह छथि नेताजी
विकट बताह छथि नेताजी

बचा बचा कऽ जानो लेलथि
असल बिखाह छथि नेताजी

दवाइ संग टीका राखब
कने कटाह छथि नेताजी

अहाँ कनी किए चाहै छी
सुलभ सलाह छथि नेता जी

विकास लेल अपने देखथि
लगै कनाह छथि नेताजी

सभ पाँतिमे 12+12+12222 मात्राक्रम अछि।




57

टूटल फूटल चेहरा छै
हारल थाकल चेहरा छै

झड़कल सनकेँ कर्म हेतै
झाँपल झाँपल चेहरा छै

कनियेँ छूलहुँ ठोर ओकर
गमकल गमकल चेहरा छै

पाथर फेकू सभ विचारक
जमकल जमकल चेहरा छै

खुब्बे पड़लै मोन हमरा
बिसरल बिसरल चेहरा छै

सभ पाँतिमे 2222+2122 मात्राक्रम अछि।




58

उज्जर धरती पीयर रौद
हरियर गाछी सुन्दर रौद

नँहिए एलै खिड़की फानि
हुनके सन छै पाथर रौद

भुतला गेलै बाँटल घरमे
लागै बड़का भुच्चर रौद

जे देबै से लैए लेत
पसरल सौंसे आँचर रौद

अजगर गहुमन धामन संग
डँसने घूमै साँखर रौद

सभ पाँतिमे 22+22+22+21 मात्राक्रम अछि। तेसर शेरक पहिल पाँतिक अंतिम दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि।




59

हमरो मोन पियासले रहि गेलै
हुनको मोन पियासले रहि गेलै

चुप्पेचाप बहुत पिया देलक ओ
तैयो मोन पियासले रहि गेलै

तोरा देखि कऽ धन्य बुझलक जे जे
तकरो मोन पियासले रहि गेलै

अप्पन लोक तँ सहजें अगियासल छै
अनको मोन पियासले रहि गेलै

ठोपे ठोप चुबै छलै रस तैयो
सगरो मोन पियासले रहि गेलै

चारिम शेरमे एकटा दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि। सभ पाँतिमे 2221+12+12222 मात्राक्रम अछि





60

घूस खा कऽ गरीबपर जिंदा गजल लिखू
होटल बैसि कऽ चिकेन अंडा गजल लिखू

धूप दीप ताम्बूल यथाभाग यथाविधि
छद्म पादरी मुल्ला पंडा गजल लिखू

हमहीं करबै मिथिलाक उद्धार बुझियौ
कने कसि कऽ टोकनपर चंदा गजल लिखू

जँ नै आबै भाषण जकाँ तेजी तँ सुनू
बैसल विकासे जकाँ मंदा गजल लिखू

सलाम ठोकू इएह बचल साहित्यमे
नित्य निहुरि अविरल अभिनंदा गजल लिखू

सभ पाँतिमे 222-222-222-22 मात्राक्रम अछि (बहरे मीर)। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि।



61

हारल थाकल ओकरे सपना
जागल सूतल ओकरे सपना

जिम्हर देखी तिम्हरे देखी
छीटल छाटल ओकरे सपना

खटगर मिठगर लागि रहलैए
काँचो पाकल ओकरे सपना

जुट्टी खोपा सन बनल आँखि
बान्हल गूहल ओकरे सपना

सिंदुर टिकुली मेंहदी अलता
काजर लागल ओकरे सपना

सभ पाँतिमे 22222+1222 मात्राक्रम अछि। तेसर शेरक अंतिम लघु अतिरिक्त जकाँ छूट लेल गेल अछि।
चारिम शेरक अंतिल लघुकेँ संस्कृत परंपरानुसार दीर्घ मानल गेल अछि।




62

तोरा लग तोरा सन
मोरा लग मोरा सन

मोन कुमोनसँ घुमलहुँ
हम फाटल झोरा सन

हुनकर मुस्की लागै
बस अनमन कोरा सन

ओकर नोर बुझाएल
अगबे अंगोरा सन

ओ गुड्डी सन बनतै
आ हमहूँ डोरा सन

सभ पाँतिमे 222+222 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ एकटा दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।चारिम सेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु छूटक तौरपर अछि। मतला मैथिलीक पारंपरिक कहबी अछि।




63

नेह सिनेह बरसै अनचिन्हारक आँगनमे
देह हमर से भिजलै अनचिन्हारक आँगनमे

सैंत कऽ गेल रहियै आँचर तैयो गे बहिना
बेर कुबेर खसलै अनचिन्हारक आँगनमे

आब कनी मनी चिन्हारे सन हुनका लेल
सीथ सिनूर पड़लै अनचिन्हारक आँगनमे

ठोरसँ ठोर धरि नहुँ नहुँ धीरे आस्ते आस्ते
मौध मिठाइ परसै अनचिन्हारक आँगनमे

छूबि कऽ देह केहन केलक ई अनचिन्हरबा
मोन करेज भरछै अनचिन्हारक आँगनमे


सभ पाँतिमे  21121+222+222+222 मात्राक्रम अछि। मतलाक दोसर पाँतिमे एकटा दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि। तेसर शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघुकेँ संस्कृतक अनुसार दीर्घ मानल गेल अछि।




64

उज्जर कारी सामर भेलियै
आसे आसी झामर भेलियै

नहिये खसलै एकौ ठोप नोर
पाथर लग रहि पाथर भेलियै

हुनकर ठोरक लाली देवघर
चढ़िते चढ़िते कामर भेलियै

सोभै डोका सन के आँखि तँइ
जरिते जरिते काजर भेलियै

हुनकर हाथक आशीर्वाद छै
फटिते फटिते आँचर भेलियै

सभ पाँतिमे 222+222+212 मात्राक्रम अछि। दोसर शेरक दोसर पाँतिक अंतिम लघु छूटक तौरपर अछि।




65

भेटैत रहिहें कहियो काल
देखैत रहिहें कहियो काल

ई प्राण बनलौ तोरे लेल
झीकैत रहिहें कहियो काल

चर्चा हमर बस उड़िते रहतौ
सूनैत रहिहें कहियो काल

सुइटर सनक छै ई जीबन से
बूनैत रहिहें कहियो काल

हम फूल तों भमरा बनि बनि कऽ
सूँघैत रहिहें कहियो काल

सभ पाँतिमे 2212+2+2221 मात्राक्रम अछि। तेसर आ चारिम शेरक दोसर पाँतिक अंतिम दीर्घकेँ संस्कृत परम्परानुसार लघु मानल गेल अछि।




66

सोहाग आ भाग सन
हम गीत तों राग सन

लटपट रहब बस कनी
हम भात तों साग सन

कनियें बुनाइत रहब
हम सूत तों ताग सन

सदिखन रहब संगमे
हम चैत तों फाग सन

दुनियाँमे बड़ झगड़ा छै
हम तों तँ उपराग सन

सभ पाँतिमे 2212+ 212 मात्राक्रम अछि अंतिम शेरक पहिल पाँतिमे शब्दक अंतिम दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि।




67

आइ फेरो दोस्ती के बहन्ना ताकि लै छी
नेह छोहक हेड़ाएल पन्ना ताकि लै छी

बड़ निहारै छथि ओ राहु केतुक संग शनिकेँ
हम अझक्के अपना लेल चन्ना ताकि लै छी

देहमे तरकारी ठोरमे छै दालि भात
आँखिमे हम चटनी संग सन्ना ताकि लै छी

लोक बेगरते मरि जेतै से मंजूर मुदा हम
अपना काजक खातिर सेठ धन्ना ताकि लै छी

घुरि कऽ एबे करतै प्रेम अनचिन्हार संगे
स्वागतक खातिर अँगना दलन्ना ताकि लै छी

सभ पाँतिमे 2122-2221-2221-22 मात्रा क्रम अछि। तेसर शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघुकेँ संस्कृत परंपरानुसार दीर्घ मानल गेल अछि। चारिम शेरक दूनू पाँतिमे एक-एक ठाम दीर्घकेँ लघु मानल गेल अछि।




68

छूटल छाटल अनचिन्हार छलै
बूड़ल बाड़ल अनचिन्हार छलै

मोनक बक्सा खोलि कऽ देखलकै
साँठल सूठल अनचिन्हार छलै

सी लेलक ओ अप्पन छाँहो धरि
फाटल फूटल अनचिन्हार छलै

खूजल रहलै सभहँक हाथ मुदा
नाथल नूथल अनचिन्हार छलै

चलि गेलै चिन्हार तखन बुझलहुँ
बाँचल बूचल अनचिन्हार छलै

सभ पाँतिमे 222-222-222 मात्राक्रम अछि। दूटा लघुकेँ एकटा दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।




69

दंगा हुनके महिमा छै
सहमल कोसी कमला छै

खुब्बे बरसल आगि सखी
साबन भादब महिना छै

बदलल छै सरकार मुदा
सभ किछ जहिना तहिना छै

इंजन डिब्बा कानि रहल
रूकल रूकल पहिया छै

बेर कुबेरक घरमे आब
दैया मैया बहिना छै

सभ पाँतिमे 222-222-2मात्राक्रम अछि दू टा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। अंतिम शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु अतिरिक्त छूट जकाँ अछि।




70

आइ हमरा बुझा रहल अछि
छै कियो जे नचा रहल अछि

भरि जनम जाल बनि कऽ रहलहुँ
अंतमे ओ बझा रहल अछि

आइ किछु काल्हि किछु तँ परसू
किछु ने किछु सभ बचा रहल अछि

किछु तँ छै बात जे टुकुर टुक
ओकरे दिस तका रहल अछि

राति दिन भोर साँझ दुपहर
नाम तोरे रटा रहल अछि

सभ पाँतिमे 2122-12-122 मात्राक्रम अछि चारिम शेरक दोसर पाँतिमे एकटा दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि।




71

हमहीं साध्य हमहीं साधक हमहीं साधना छी
हमहीं भाव हमहीं भावक हमहीं भावना छी

छै परिणाम निश्चित रूपें ऐठाँ छै प्रमाणो
हमहीं कर्म हमहीं कारक हमहीं कामना छी

ऐ हाथें लियौ आ बँटियौ सौंसे एक रंगे
हमहीं भीख हमहीं याचक हमहीं याचना छी

बेकारक झमेला नै हुअए से मोन राखू
हमहीं धर्म हमहीं धारक हमहीं धारणा छी

चलि रहलै घमंडेमे जे सदिखन तकरा कहियौ
हमहीं सेव्य हमहीं सेवक हमहीं ताड़ना छी

ताड़ना=दंड

सभ पाँतिमे 2221-222-222-2122 मात्राक्रम अछि। अंतिम शेरक पहिल पाँतिममे एकटा दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।




72

जकरे हाथमे किछु सत्ता छलै
तकरे हाथमे बड़ कत्ता छलै

कागजपर लिखल छै फागुन सही
गाछे गाछ पीयर पत्ता छलै

छै हड़ताल धरना अनशन बहुत
तैपर सैलरी बड़ भत्ता छलै

फाटल सनकेँ मोनक कागज मुदा
नीके नीक कपड़ा लत्ता छलै

असली चीज पिलुआ खदबद करै
तैपर मोट सुंदर गत्ता छलै

सभ पाँति 22221-22-2212 मात्राक्रम अछि। चारिम शेरक पहिल पाँतिक एकटा दीर्घकेँ लघु मानल गेल अछि।





73

आँचर आ खोंइछमे बस मुसकियाइत रहल अनचिन्हार
अँकुरी जकाँ सुख कि दुखमे बँटाइत रहल अनचिन्हार

हम ओइ हाथक सहारे बहुत दिन बिता लेबै आब
जै हाथपर मेंहदी बनि लिखाइत रहल अनचिन्हार

बेकार छै धार पोखरि नदी आ इनारो ऐठाम
ओकर हँसी आ खुशीमे नहाइत रहल अनचिन्हार

संबंध छै मोन संबंध छै देह संबंधे जान
बड़ दूर तैयो लगेमे बुझाइत रहल अनचिन्हार

छुलकै कियो जानिए बूझि सोचल विचारल मोनसँ
तँइ खुब्बे बड़ देर धरि जुड़ाइत रहल अनचिन्हार

सभ पाँतिमे 2212-2122-122-12-2221 मात्राक्रम अछि। मतला आ मकतामे दू-दू टा दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि।





74

नाँगट के नवो ग्रह बलवान
सहायक भगवानो शैतान

अपनैतीमे सच नै बजलहुँ
हटा लेलहुँ सभटा पहिचान

भेल हेतै बहुत किछु मुदा
ई सभ छलै हमरे अनुमान

आगू भूते पाछू भविष्य
बस बिला गेल छै वर्तमान

अनचिन्हार हमर हिस्सामे
सभ दुख हमरे देल भगवान

सभ पाँतिमे  22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।




75

दू देहक तों जान छिही
हम कत्था तों पान छिही

सोहर कोबर निरगुन रस
हम तबला तों तान छिही

सौंसे बाजै खुट्टो सभ
हम पगहा तों छान छिही

बरछी भाला बंदुक संग
हम धनुषा तों बान छिही

मसुरी राहड़ि तीसी आ
हम मड़ुआ तों धान छिही

सभ पाँतिमे 22-22-222 मात्राक्रम अछि। चारिम शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु छूटक तौरपर अछि। दू टा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।




76

बहुत बेर हमरा देखने हेतै
बहुत बेर हमरा चाहने हेतै

अलोपित सगर दुख केकरो अबिते
बहुत बाट ओकर जोहने हेतै

इयादक रमनगर फील्डमे धीरे
सँ गुड़कैत मुस्की रोकने हेतै

छलै रौद बड़ कड़गर सिनेहक आइ
अदौड़ी हँसीकेँ खोटने हेतै

बहुत कानि अनचिन्हार बनलै ओ
करेजा कियो बड़ तोड़ने हेतै

सभ पाँतिमे 122-1222-1222 मात्रक्रम अछि।चारिम शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु छूटक तौरपर अछि।




77

जंगलराज दंगाबाज
जी महराज जै महराज

छै बेकूफ देशक लोक
नेता लग ने कनियों लाज

फरसा आनि गरजै खूब
मंतर कटि मरै नेमाज

नेता नीक बेटा नीक
जनता सभकेँ अतबे काज

अनचिन्हार गाबै खूब
कुर्सी गीत सत्ता साज

सभ पाँतिमे 2221+2221 मात्राक्रम अछि। दोसर आ चारिम शेरक दोसर पाँतिमे एक-एकटा दीर्घकेँ लघु मानल गेल अछि।




78

कुक्कुर सनकेँ नेता छै
गदहा सनकेँ चमचा छै

हाथी हाथी अफसर सभ
चुट्टी सनकेँ जनता छै

शेरक बाघक संगी जे
से बकरी लग दैता छै

लुक्खी घोरन हमरे सन
हरियर गाछक भगता छै

बड़ कंफ्यूजन हमरा अइ
बगुला सनकेँ कौआ छै

सभ पाँति मे 222-222-2 मात्राक्रम अछि। 




79

ओकर रूप बहुत दूर लऽ जेतै हमरा
रंग अनूप बहुत दूर लऽ जेतै हमरा

पथिया डाला मौनी सुप्ती कनसुप्ती
छिट्टा सूप बहुत दूर लऽ जेतै हमरा

ऐ पूजा पाठक बदला जिनगी मंत्रक
जापे जूप बहुत दूर लऽ जेतै हमरा

ओ भेटै की नै भेटै तैयो ओकर
छापे छूप बहुत दूर लऽ जेतै हमरा

कहियो एतै अनचिन्हार हमर आँगन
चुप्पे चूप बहुत दूर लऽ जेतै हमरा

सभ पाँतिमे 222+222+222+22 मात्राक्रम अछि। दूटा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि (बहरे मीर)।




80

कनी अहीँसँ माँगब हम
खुशी अहीँसँ माँगब हम

गलत लगैत हो तैयो
सही अहीँसँ माँगब हम

भने कना कऽ दिअ लेकिन
हँसी अहीँसँ मागब हम

अपन मरण धरिक खाता
बही अहीँसँ माँगब हम

दियौ बहुत मुदा बाँचल
कमी अहीँसँ माँगब हम

अहाँ मना किया करबै
जदी अहीँसँ माँगब हम

सभ पाँतिमे 12-12-1222 मात्राक्रम अछि।




81

अक्षर मिटा जाइ छै कनी कालमे
फेरो लिखा जाइ छै कनी कालमे

सस्ता हँसी छै मुदा कहू ने किए
नोरे बिका जाइ छै कनी कालमे

किछु लोक एहन जे ओकरे आसपर
जीबन बिता जाइ छै कनी कालमे

ओ केकरो देखि खुश रहै छै आ तँइ
अपने लजा जाइ छै कनी कालमे

कैमरा छै आँखि तँइ हमर नीक सन
फोटो घिचा जाइ छै कनी कालमे

सभ पाँतिमे 2212-212-122-12 मात्राक्रम अछि। तेसर आ चारिम शेरमे एक-एकटा दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि।




82

बड़ झूकैए जागल लोक
बड़ सूतैए जागल लोक

छै खन अनुखन सदिखन दर्द
बड़ कूथैए जागल लोक

हम्मर तोहर ओक्कर नाम
बड़ बूझैए जागल लोक

अप्पन टेटर आनक घेघ
बड़ दूसैए जागल लोक

इम्हर खधिया उम्हर भूर
बड़ मूनैए जागल लोक

हीरा मोती माणिक संग
जश लूटैए जागल लोक

सभ पाँतिमे 222-222-21 मात्राक्रम अछि।




83

हम झुट्ठेमे अपसियाँत
तों सत्तेमे अपसियाँत

नहियें पी सकलै शराब
जे चिखनेमे अपसियाँत

सभ खा गेलै खेनहार
किछु पत्तेमे अपसियाँत

जकरा लग सालक हिसाब
से महिनेमे अपसियाँत

के छै अनचिन्हार लेल
सभ अपनेमे अपसियाँत

सभ पाँतिमे 222-22-121 मात्राक्रम अछि।




84

गेलै दरबार अनचिन्हार
भेलै उद्धार अनचिन्हार

सभ बनि गेलै सिनेमा नीक
खाली परचार अनचिन्हार

जे खा गेलै हमर सपना से
बड़का खुंखार अनचिन्हार

ठीके महमह करैए देह
छै सिंगरहार अनचिन्हार

अप्पन की आन की ऐठाम
पूरा संसार अनचिन्हार

सभ पाँतिमे मात्राक्रम 22221-2221 अछि। तेसर शेरक पहिल पाँतिक अंतिम दीर्घकेँ लघु मानल गेल अछि।




85

काल बड़का जोधिन छै
फनफनाइत नागिन छै

भूख नै सहि सकलहुँ तँइ
लोक कहलक पापिन छै

देह नवका जोगी सन
मोन नवकी जोगिन छै

शब्द जैठाँ जनमै खूब
अर्थ तैठाँ बाँझिन छै

आब तोहूँ अनचिन्हार
भाग हमरे सौतिन छै

सभ पाँतिमे 2122-222मात्राक्रम अछि। चारिम आ पाँचम शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघुकेँ छूट मानल गेल अछि।




86

बहुत भेलै मोनक बात यौ साहेब
दियौ कनिको भोजन भात यौ साहेब

पसरि गेलै खूने खून नोरे नोर
उजड़िए गेलै अहिबात यौ साहेब

हमर जेबीमे छै राति छै अन्हार
हुनक बटुआ चमकै प्रात यौ साहेब

रहथि जे सभ बिच्चे बीच ठामे ठाम
समय तिनका केलक कात यौ साहेब

अहाँ नवका पल्लव छी हमर गाछीक
छियै हम सभ पीयर पात यौ साहेब

सभ पाँतिमे 1222-2221-2221 मात्राक्रम अछि।




87

हम सुखी होइत गेलहुँ जेना जेना
ओ दुखी होइत गेला तेना तेना

केलियै ओ करबै ई हमहीं केलहुँ
बात एहन हम केलहुँ एना एना

धार बूझैए सभ किछु हमरो तोरो
पार केलक के जीवन केना केना

पूछि देलक तेहन जे उत्तर नै छल
मूँह झपलहुँ आ भगलहुँ जेना तेना

पूल सन बनि गेलै अनचिन्हरबा तँइ
लोक उठलै तामसमे फेना फेना

सभ पाँतिमे 2122+222+2222 मात्राक्रम अछि।




88

ओना तँ देशमे बहुत बबाल छै
साहेब केर चुप मुदा कमाल छै

पुछिते रहत कियो अहाँसँ सभ समय
जेबीसँ ई जुड़ल उठल सवाल छै

तैयार छै कसाइ फूल पान लऽ
जै ठाम आदमी जते हलाल छै

ऐ देशमे विकास नै जनमि सकत
बस भाषणेसँ लोक सभ निहाल छै

पूछत कियो सवालपर सवाल से
ऐठाम केकरो कहाँ मजाल छै

सभ पाँतिमे 2212+12+12+12+12 मात्राक्रम अछि। तेसर शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघुकेँ संस्कृतानुसार दीर्घ मानल गेल अछि।




89

देह अजगर भऽ गेलै
मोन साँखर भऽ गेलै

हाथ पीयर नै भेलै
मूँह पीयर भऽ गेलै

ठोर छै संगमरमर
बोल पाथर भऽ गेलै

भोर छै घोघ सनकेँ
साँझ आँचर भऽ गेलै

ई प्रचारो कमालक
दाग उज्जर भऽ गेलै

सभ पाँतिमे 2122+122 मात्राक्रम अछि। दोसर शेरकक पहिल पाँतिमे एकटा दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि संगे संग ऐ शेरमे तकाबुले-रदीफ नामक दोष अछि मुदा ऐ शेरसँ हमरा मोह भऽ गेल। गुणीजनसँ आग्रह जे सुधार बताबथि।




90

बड़ सरल छै फिजिकल मरनाइ
बड़ कठिन छै डिजिटल मरनाइ

जे सिनेहक बेगर मरि गेलै
तकरे कहबै क्रिटिकल मरनाइ

आँखिमे जकरा लाजो नै से
चाहि रहलै सोशल मरनाइ

देह छै संगीतक तैयो तँ
बड़ कठिन छै लिरिकल मरनाइ

मरि कऽ हमहूँ जिबिते देखाइ
एहने हो मिथिकल मरनाइ

सभ पाँतिमे 2122+22221 मात्राक्रम अछि। दोसर शेरमे दूटा दीर्घ आ तेसर शेरक एकटा दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि।




91

हाटो अनचिन्हार
दामो अनचिन्हार

निर्धन परजा केर
राजो अनचिन्हार

गायक वादक संग
भासो अनचिन्हार

श्वासक संगे-संग
आसो अनचिन्हार

पहिने हम तै बाद
ओहो अनचिन्हार

सभ पाँतिमे 222221 मात्राक्रम अछि।




92

शासन छै बीत भरि के
डाँटन छै बीत भरि के

संबंधो सभ हँसैए
आँगन छै बीत भरि के

नमहर छै मृत्यु ऐठाँ
जीबन छै बीत भरि के

महकल छै कर्म ओकर
चानन छै बीत भरि के

सभहँक हिस्सा पियासे
साबन छै बीत भरि के

सभ पाँतिमे 222-2122 मात्राक्रम अछि।




93

भुक्खे भेलै पीयर रौद
मरिए गेलै सुंदर रौद

सोहागिन छै कारी राति
विधवा भेलै उज्जर रौद

निकहा निकहा जै श्री राम
सौंसे पसरल बाँतर रौद

अनका लेखें छै भगवान
हमरा लेखें पाथर रौद

सोभै एना जेना होइ
सिंदुर टिकुली काजर रौद

सभ पाँतिमे 2222-2221 मात्राक्रम अछि।




94

कियो अनकेसँ क्लीन बोल्ड
कियो अपनेसँ क्लीन बोल्ड

कियो खेपैए कानि कानि
कियो हँसियेसँ क्लीन बोल्ड

कियो हाँ जी हाँ जीसँ जिंदा
कियो नहियेसँ क्लीन बोल्ड

कियो पसरल छथि झूठ मूठ
कियो सहियेसँ क्लीन बोल्ड

कियो छै पासी केर संग
कियो कटियेसँ क्लीन बोल्ड

सभ पाँतिमे 122+2221+21 मात्राक्रम अछि। तेसर शेरक पहिल पाँतिक अंतिम दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि।




95

काज गुलाब बराबर
घाम शराब बराबर

सुख छै पन्ना पन्ना
दुख तँ किताब बराबर

छै धर्मक आँगनमे
घोघ नकाब बराबर

क्रेडिट जय डेबिट जय
फंड हिसाब बराबर

ठोरो चुप मोनो चुप
प्रश्न जबाब बराबर

सभ पाँतिमे 22-22-22 मात्राक्रम अछि। दूटा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि (बहरे मीर)।




96

एक ठोप नोर
साँझ राति भोर

टूटि गेल आस
की लगाउ जोर

प्राण देह मोन
माछ पानि बोर

देश धर्म चास
बीत बीत चोर

चाहि रहलै खाली
सिक्स सिक्स फोर

सभ पाँतिमे 21-21-21 मात्राक्रम अछि। अंतिम शेरक पहिल पाँतिमे दूटा दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि।




97

नाम विकासक
काज विनाशक

धरती बेचि कऽ
बात अकासक

छुटिए गेलै
संग हुलासक

माछे जानै
हाल पियासक

बेपारी छी
भाव लहासक

सभ पाँतिमे 22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।




98

देश देह दुबराएल छै
लोक मोन उधिआएल छै

पाप पुण्य एना केलकै
स्वर्ग नर्क भरमाएल छै

भोर साँझ हमरे मेहनति
घाम केकरो आएल छै

ठोर कहि रहल जे प्रीत केर
गीत ओकरे गाएल छै

गाछ गाछ जरि रहलै मुदा
डारि पात हरिआएल छै

सभ पाँतिमे 21-21-222-12 मात्राक्रम अछि। चारिम शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु छूटक तौरपर लेल गेल अछि।




99

धार ताकै पानिकेँ
खूब चाहै पानिकेँ

हाल आसक की कहू
श्वास जानै पानिकेँ

संग रहितों सभ समय
पानि थाहै पानिकेँ

आँखि ओकर देखि देखि
आहि आबै पानिकेँ

केकरो लग रेत सभ
बान्हि राखै पानिकेँ

सभ पाँतिमे 2122 + 212 मात्राक्रम अछि। चारिम शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु छूटक तौरपर लेल गेल अछि।




100

किछु किछु रसधार जकाँ
किछु किछु बेकार जकाँ

हुनको सभहँक दुनियाँ
आने संसार जकाँ

साधल मातल लोकक
बोली ललकार जकाँ

बेरा बेरी हमरो
केलक उद्धार जकाँ

ओकर इच्छा लागै
अनमन कंसार जकाँ

सभ पाँतिमे 222-222 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि




101

सिमान होइत गेलै
महान होइत गेलै

कुर्सी छै निमूहधन
बियान होइत गेलै

सियान के चक्करमे
जियान होइत गेलै

नव नौतारक खातिर
पुरान होइत गेलै

सीधा सीधी सोझाँ सोझीँ
घुमान होइत गेलै

सभ पाँतिमे 22-22-22 मात्राक्रम अछि। दूटा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि (बहरे मीर)।





102

सात तहमे दाबल बात
बड़ महकलै झाँपल बात

काँपि रहलै रसगर ठोर
काँपि रहलै कोमल बात

नै नुका सकलै भीतरमे
चमचमाइत माँजल बात

हमरा लग उजड़ल पुजड़ल तँ
हुनका लग छै साँठल बात

चुप रहू किछु नै बाजू
हमहूँ जानी जानल बात

सभ पाँतिमे 2122 + 2221 मात्राक्रम अछि। तेसर चारिम आ पाँचम शेरक किछु दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि।




103

उजड़ैए जे आँगन बाबा
नाचैए पतराखन बाबा

भानस भात बना धेलक ओ
चीखैए किछु चाखन बाबा

अजगर गहुँमन साँखर संगे
घूमैए बड़ धामन बाबा

टालक टाल लगा मरि गेलै
लूटैए सभ लूटन बाबा

किछु दुर्घटना हेबे करतै
झूमैए मनभावन बाबा

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि
ऐ गजलमे दू टा काफियाक प्रयोग अछि।




104

मोनक गाछी मजरल किछु
धीरे धीरे गमकल किछु

खुल्लम खुल्ला जीवनमे
परदा पाछू खनकल किछु

हमहूँ छी बुधिमान बहुत
हमरो लग तँइ अभरल किछु

बड़ देलहुँ धेआन मुदा
देहक एना चनकल किछु

भेलै मेघक बँटवारा
इम्हर उम्हर बरसल किछु

सभ पाँतिमे 222-222-2 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।




105

पहिने भक्तक तगमा भेटल
तइ बादे किछु सुविधा भेटल

हँसि उठलै रस्ता कारक संग
गुमसुम बैसल रिक्सा भेटल

नवका ताला नवका चाभी
बिन कब्जा के बक्सा भेटल

हुनकर ता थैया थैया केर
डेगा डेगी चरचा भेटल

अटकल बंसी बड़ जीवन भरि
कनियें बोरक हिस्सा भेटल

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दोसर आ चारिम शेरक पहिल पाँतिमे अंतिम लघुकेँ छूटक तौरपर लेल गेल अछि।




106

बात जे कहल गेलै अनचोक्के
हाथ सभ जुटल गेलै अनचोक्के

केखनो करा दैए दुर्घटना
बात जे बुझल गेलै अनचोक्के

मोन पड़ि रहल सभ धीरे धीरे
संग जे छुटल गेलै अनचोक्के

बाजि नै सकल किछु रहलै चुप्पे
प्रश्न से पुछल गेलै अनचोक्के

धार बूझि रहलै सभ किरदानी
पानि जे सुखल गेलै अनचोक्के

सभ पाँतिमे 212-1222-222  मात्राक्रम अछि।





107

भीतर भीतर गुमसैए
बाहर बाहर धधकैए

जीवन फाटल गुड्डी छै
तैयो ओ सभ उड़बैए

सभहँक चिंता अँगना धरि
अपना अपनी बचबैए

असगर असगर दुनियाँमे
लाशो अपने उठबैए

बरखा बुन्नी पाहुन सन
कहियो कखनो पहुँचैए

सभ पाँतिमे 222 + 222 + 2 मात्राक्रम अछि।




108

झूठक बीजबिंदु एते टा
साँचक बीजबिंदु एते टा

देलक चोट फूल तँइ कहलहुँ
काँटक बीजबिंदु एते टा

जिंदा आदमीक संगे संग
लाशक बीजबिंदु एते टा

फैक्ट्रीकेँ लगा चला बुझलहुँ
चासक बीजबिंदु एते टा

खेतक पानि नापि कहलक ओ
मेघक बीजबिंदु एते टा

सभ पाँतिमे 2221 + 2122 + 2 मात्राक्रम अछि। तेसर शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु छूटक तौरपर लेल गेल अछि।




109

किश्तेमे हँसबै किश्तेमे कनबै हम
किश्तेमे जीबै किश्तेमे मरबै हम

भोरसँ साँझसँ रातिसँ आइसँ की काल्हिसँ
जहिया मगँबै खाली तोरे मँगबै हम

अपने जौड़सँ बान्हल छानल रहलहुँ तँइ
किछु जे कहबै तँ कहू किनका कहबै हम

शब्द अहाँ बूझू की वाक्य अहाँ बूझू
जीवन भरि खाली अपनाकेँ रचबै हम

जइ दिन कहतै अनचिन्हार कियो हमरा
ओही दिनकेँ थैहर थैहर बुझबै हम

सभ पाँतिमे 222 + 222 + 222 + 22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।




110

हमरो समय बीति जेतै
हुनको समय बीति जेतै

ओकर इयादक सहारे
सड़लो समय बीति जेतै

उज्जर हरित नील पीयर
ललको समय बीति जेतै

बंदूक संदूक जे छै
तकरो समय बीति जेतै

पुरना समयपर नै हँसियौ
नवको समय बीति जेतै

सभ  पाँतिमे 2212 + 2122 मात्राक्रम अछि। अंतिम शेरक पहिल पाँतिमे एकटा दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि।




111

अंबार हेतै की नै हेतै
जैकार हेतै की नै हेतै

हमहूँ पठेने रहियै हुनका 
स्वीकार हेतै की नै हेतै

ग्राहक तँ भेलै छै बरबाद
पैकार हेतै की नै हेतै

ई ओइ पारक चेन्हासी छै
अइ पार हेतै की नै हेतै

कीनि एलै  दोकानक दोकान
व्यवहार हेतै की नै हेतै

सभ पाँतिमे 2122 + 222 + 22 मात्राक्रम अछि। तेसर शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघुकेँ संस्कृत परंपरानुसार दीर्घ मानल गेल अछि। पाँचम शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघुकेँ अतिरिक्त छूट मानल गेल अछि।




112

रातिमे भोरक इच्छा
भोरमे साँझक इच्छा

डेग छै सभहँक जँइ-तँइ
हाथमे हाथक इच्छा

छै घृणा स्थायी भाव
साथमे प्रेमक इच्छा

ओ जरै अपने दुखमे
सभ कहै धाहक इच्छा

तीर सन फूलो भेटल
फूल सन काँटक इच्छा

सभ पाँतिमे 2122 +222 मात्राक्रम अछि। तेसर शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघुकेँ संस्कृत परंपरानुसार दीर्घ मानल गेल अछि।




113

इम्हर उम्हर बहसल बात
बड़ दुख दैए सनकल बात

खाली खाली हुनकर मूँह
उड़िए गेलै उघरल बात

हुनका भेटनि सौंसे सौंस
हमरा भेटै चनकल बात

दाबल रहतै तैयो भाइ
सुनबे करबै निरसल बात

झुट्ठा चकमक चकमक दीप
सचकेँ मानू झलफल बात

सभ पाँतिमे 222-222-21 मात्राक्रम अछि। एही रदीफ-काफियापर हमर एकटा पुरान गजल सेहो अछि।




114

इल्ली दिल्ली पटना राज
सौंसे पसरल गदहा राज

अपना मोने हमहीं पंच
के जानैए विधना राज

बहुते भेलै गंगा जमुना
हमरा चाही कमला राज

आगू पाछू छै खरमास
तइपर एतै भदबा राज

पंडित मुल्ला जनते बीच
तँइ सभ चाहै फतबा राज

सभ पाँतिमे 222-222-21 मात्राक्रम अछि। तेसर शेरक पहिल पाँतिक अंतिम दीर्घकेँ लघु मानल गेल अछि।




115

रस्ता छेकल दुनियाँमे
हमरे भेटल दुनियाँमे

ब्रम्हांडक ई रीत बुझू
दुनियाँ फेकल दुनियाँमे

अपने लिखलहुँ नाम अपन
अपने मेटल दुनियाँमे

हमरा एहन तोरा सन
बहुते बेकल दुनियाँमे

कपड़ा बरतन गहना बुझि
मोनो बेचल दुनियाँमे

सभ पाँतिमे 222-222-2 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।




116

खेत मसान सन
पेट लगान सन

भूख जँ धर्म छै
दर्द विधान सन

भाव घिसल पिटल
शब्द महान सन

देह कलश बनल
मोन भसान सन

आँखि उठल खसल
अर्थ असान सन

सभ पाँतिमे 211-212  मात्राक्रम अछि।




117

सेज सजिते इजोरिया एलै
घोघ उठिते इजोरिया एलै

मूँह हुनकर अतेक सुंदर जे
बात बजिते इजोरिया एलै

आँखि झुकलै इजोरिया भागल
आँखि उठिते इजोरिया एलै

शब्द उपजल अलग अलग ढ़ंगसँ
अर्थ बुझिते इजोरिया एलै

देह मोनक इजोत बहुरंगी
मोन पड़िते इजोरिया एलै

सभ पाँतिमे 2122-12-1222 मात्राक्रम अछि।




118

ताड़ी लेने एलै पासी हमरे लेल
लबनी देने गेलै पासी हमरे लेल

नहिएँ चाही फुनगी भुनगी अपना लेल
हमरे सदिखन ठेलै पासी हमरे लेल

हमरा हिस्सामे छै खाली फेने फेन
केहन निष्ठुर भेलै पासी हमरे लेल

हाथक कादोकेँ हीरा बुझलहुँ तँइ आब
उगना सन हेरेलै पासी हमरे लेल

हमरा एम्पायर घोषित केलक तइ बाद
हमरे पिचपर खेलै पासी हमरे लेल

सभ पाँतिमे 222-222-222--221 मात्राक्रम अछि।




119

बेबाक लिखू बिंदास लिखू
बात सधारण या खास लिखू

अन धन लछमी मिठगर भेने
दुरदिन रहितो मधुमास लिखू

शब्द बहुत लिखलहुँ आब अहाँ
अइ खिच्चा ठोरक आस लिखू

हम बूझै छी नीक अहाँकेँ
अपने दाबल इतिहास लिखू

असगर रहनाइ कठिन नै छै
तँइ भीड़ भरल बनबास लिखू

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि "बिंदास" कूल ड्यूड सभहँक शब्द छनि।




120

आँखिमे बहार छै
हाथमे उधार छै

भिन्न भिन्न गाँहके
एकटा बजार छै

बेरपर अलग अलग
ओहने भजार छै

एकबाल केहनो
जल्दिये उतार छै

डोल केर दोस्त ओ
तेहने इनार छै

सभ पाँतिमे 212+12+12 मात्राक्रम अछि।




121

केखनो उठा देलकै
केखनो खसा देलकै

देवता बना केकरो
नोरमे भसा देलकै

डारि पात छै ओकरे
बात से बुझा देलकै

पानि छै बहुत दूर तँइ
आगि ओ लगा देलकै

सोचने रहै अपने सन
आन सन बना देलकै

सभ पाँतिमे 212+12+212 मात्राक्रम अछि। अंतिम शेरक पहिल पाँतिमे एकटा दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि।




122

हुनके चूड़ा
हुनके पिज्जा

कोन अजादी
पुछितो लज्जा

गठरी बान्हल
किनकर हिस्सा

खूब हँसोथब
सभहँक इच्छा

अनचिन्हारक
किछु ने पक्का

सभ पाँतिमे 22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।




123

आर जिलेबी पार जिलेबी
बड़ सुंदर संसार जिलेबी

किछु ने कहबै चुप्पे रहबै
अपने छै बुधियार जिलेबी

बिन किछु केने बिन किछु देने 
जमबै छै अधिकार जिलेबी

ओ सभ बुझथिन रसगर मिठगर
हम बुझबै हथियार जिलेबी

रसगुल्ला सभहँक संगतमे
बनि गेलै खुंखार जिलेबी

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।




124

आहि उठबे करतै इयाद एलापर
नोर खसबे करतै इयाद एलापर

पानि खाली देहक मिझा सकैए बस
मोन जरबे करतै इयाद एलापर

हाल केहन से अनुभवेसँ बुझि सकबै
फूल झड़बे करतै इयाद एलापर

मलहमो बेकारे बुझाइए हमरा
घाव रहबे करतै इयाद एलापर

पड़ि रहब ओछाएनपर नै छै सूतब
आँखि जगबे करतै इयाद एलापर

सभ पाँतिमे 2122+2212+1222 मात्राक्रक अछि। अंतिम शेरक पहिल पाँतिमे एकटा दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि।




125

कना कऽ पूछै हाल जगत
बहुत पसारै जाल जगत

अहींसँ भेलै दीन दुखी
अहींसँ मालामाल जगत

सुतल सुतल छै ड्राइवरे
खसल पड़ल तिरपाल जगत

के के बढ़ल अछि आगू तकर
बहुत करै पड़ताल जगत

हुनक जगत छनि सोन सुगंधि
हमर तँ कादो थाल जगत

सभ पाँतिमे 12-122-21-12 मात्राक्रम अछि। तेसर शेरक पहिल पाँतिमे दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि। अंतिम शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु छूटक तौरपर लेल गेल अछि।




126

एकै रातिमे फकीर भऽ गेलै
दुइए पाँतिमे कबीर भऽ गेलै

भरि देने रहै जै खाधि समस्याक
कनियें कालमे गँहीर भऽ गेलै

जे सुंदर इजोरिया लऽ कऽ नाचल
ग्रहणक नामपर अधीर भऽ गेलै

पहिने नाम बड़ सुनलकै विकासक
ओकर बाद सभ बहीर भऽ गेलै

मेटा देलकै निशान गरीबक
एनाही तँ सभ अमीर भऽ गेलै

सभ पाँतिमे 2221-212-1122 मात्राक्रम अछि। दोसर शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु छूटक तौरपर अछि।किछु दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि।




127

प्रश्नो चुप छै
उतरो चुप छै

आँखिक दुखपर
सपनो चुप छै

उघड़ल बरतन
झँपनो चुप छै

मेल मिलापो
झगड़ो चुप छै

अनका संगे
अपनो चुप छै

सभ पाँतिमे 2-2-2-2 मात्राक्रम अछि। दूटा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।




128

सौंसे दाबल अछि आँजुर भरि संघर्ष
किछुए बाँचल अछि आँजुर भरि संघर्ष

ओ अनलथि हीरा मोती हुनका लेल
हमहूँ आनल अछि आँजुर भरि संघर्ष

नोटक संगे भोटक संगे घुमि घुमि कऽ
बहुते नाचल अछि आँजुर भरि संघर्ष

सुंदर हाथें बिच्चे आँगनमे खूब
अरिपन पाड़ल अछि आँजुर भरि संघर्ष

चिन्हारो एतै अनचिन्हारक बाद
ता धरि राखल अछि आँजुर भरि संघर्ष

सभ पाँतिमे 22-22-22-22-221 मात्राक्रम अछि।




129

मंच माला आ गर्जना भेटत
घोषणा छुच्छे घोषणा भेटत

मेहनति हेड़ा ने सकत कत्तौ
साध्य बनि गेने साधना भेटत

प्रेम छै देहक नेह छै मोनक
वासना केने वासना भेटत

रीत छै सभहँक एहने एहन
मान केने अवमानना भेटत

जज बनल अनचिन्हार लग खाली
एहने सन संभावना भेटत

सभ पाँतिमे 212+22+212+22 मात्राक्रम अछि।




130

सरकार केकरो नै
दरबार केकरो नै

बकलेल जान दैए
बुधियार केकरो नै

जे बेचि देत एहन
अधिकार केकरो नै

जयकार छै छिनार
जयकार केकरो नै

हटले रहू बहुत दूर
चिन्हार केकरो नै

सभ पाँतिमे 2212+122 मात्राक्रम अछि। तेसर शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघुकेँ संस्कृत परंपरानुसार दीर्घ मानल गेल अछि। चारिम शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघुकेँ छूटक तौरपर लेल गेल अछि।




131

नेह लगाबैए कियो कियो
भाग बनाबैए कियो कियो

आँखि बला भेटल बहुत मुदा
नोर लुटाबैए कियो कियो

आब तँ छै बेपार चोट केर
दर्द नुकाबैए कियो कियो

बात सुनाबैए सगर नगर
बात बुझाबैए कियो कियो

देह छुआबै आदमी बहुत
मोन छुआबैए कियो कियो

सभ पाँतिमे 21-1222-12-12 मात्राक्रम अछि। तेसर शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु छूटक तौरपर अछि।




132

जिनका चाही पटना दिल्ली
तिनका धेने छनि छिलमिल्ली

नेता सुनिते सभ बुझि गेलै
फल्लाँ बनलै पिल्ला पिल्ली

जनताकेँ मानै छथि खाजा
संविधानकेँ पानक खिल्ली

जखने उठलै जुत्ता तखने
हुनका ढ़ुकि गेलनि हलदिल्ली

सत्ता के रूप रंग एकै
चाहे जिलेबी हो कि झिल्ली

सभ पाँतिमे 2-2-2-2-2-22-2 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।




133

देशमे उत्फाल नवका
दर्द पुरने हाल नवका

धार जानै नेत सभहँक
माछ पुरने जाल नवका

किछु चुनौती फेर एलै
लोक ठोकै ताल नवका

छै जरूरे खाद फेंटल
खेत पुरने टाल नवका

दाग लगने इज्जते छै
देह चाहै थाल नवका

सभ पाँतिमे 2122+2122 मात्राक्रम अछि (बहरे रमल मोरब्बा सालिम वा बहरे रमल सालिम चारि रुक्नी)।




134

बड़का बड़का धारे झा
सौंसे छै बुधियारे झा

मुरदा सन के दुनियाँ छै
की करता हथियारे झा

सूतल दुखिया मोन हमर
जागल बस संसारे झा

हमरा लग सुखले सुक्खल
हुनका लग रसदारे झा

अगुअति धेने एकै दू
बड़ बैसल पछुआरे झा

सभ पाँतिमे 222-222-2 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।




135

कनियें दूर नबाबक गाम
बहुते दूर विकासक गाम

बीचो बीच फसादी ठाढ़
चारू कात लहासक गाम

किनको लेल हजारो लाख
किनको लेल उधारक गाम

बड़ खुश बाजि कऽ नव नौतार
चुप्पे चूप पुरानक गाम

अंतिम रूप दुखक एहन छै
दाही माँगै सुखाड़क गाम

सभ पाँतिमे 2221+12221 मात्राक्रम अछि। पाँचम शेरक दूनू पाँतिमे एक-एकटा दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि




136

कियो चूसि गेलै बहुत
कियो हूसि गेलै बहुत

कनी बातपर जानि कऽ
कियो रूसि गेलै बहुत

छलै मूँह बड़ सान के
कियो दूसि गेलै बहुत

रहै भूर कनियें मुदा
कियो घूसि गेलै बहुत

अहाँ सन कि हमरे सनक
से महसूसि गेलै बहुत

सभ पाँतिमे 122-122-12 मात्राक्रम अछि। दोसर शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु संस्कृतानुसार दीर्घ मानल गेल अछि। अंतिम शेरक दोसर पाँतिमे एकटा दीर्घकेँ लघु मानल गेल अछि।




137

हरजाइ छलै ओ
कस्साइ छलै ओ

घाटा छथि अपने
भरपाइ छलै ओ

भोरक भूखल लग
लटुआइ छलै ओ

लक्ष्य जकर बहकल
अगुताइ छलै ओ

देखि कऽ अनचोक्के
पछताइ छलै ओ

अनचिन्हारेपर
नितराइ छलै ओ

सभ पाँतिमे 22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।




138

हम्मर हक केर बात के करतै
आ गुड लक केर बात के करतै

भागल जे छीनि छानि मोनक नेह
ओहन ठक केर बात के करतै

चालू छै आन जान बहुते तँइ
उपजल शक केर बात के करतै

हीरा मोतीक भीड़मे ओकर
नाकक छक केर बात के करतै

जागल सूतल अहीं छियै सरकार
टूटल भक केर बात के करतै

सभ पाँतिमे 22-2212-1222 मात्राक्रम अछि। दोसर आ पाँचम शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु नियम शैथिल्य बूझल जाए।




139

जै ठाँ निबाह नै हेतै
तै ठाँ उछाह नै हेतै

रहतै समुद्र नुनगर आ
पोखरि अथाह नै हेतै

केना कहू जे किछु रहने
दुनियाँ बताह नै हेतै

किछु झूठ लेल मरलो सन
सच तोतराह नै हेतै

सभ साधनाक एकै फल
जीवन कँचाह नै हेतै

सभ पाँतिमे 2212+1222 मात्राक्रम अछि। दोसर शेरक पहिल पाँतिमे एकटा दीर्घकेँ नियम शैथिल्यक कारण लघु मानल गेल अछि।




140

छौ तोहर केहन करतूत सखी
देखि जो कनी हमर सबूत सखी

छै काँचे जौबन काँचे जीबन
नेहो हुनकर काँचे सूत सखी

बहुते झुकला टुटलापर लागल
दुनियाँमे किछु नै निजगूत सखी

हुनकर घिरना सहि बुझलहुँ जे
हम्मर नेह कते मजबूत सखी

नहिए रहलै विश्वासो लायक
अनचिन्हरबा छै अवधूत सखी

सभ पाँतिमे 222-222-222 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।




141

देह बसिया गेल छै
मोन मसुआ गेल छै

बाढ़ि रौदी सभ सही
मेघ अगड़ा गेल छै

फाइलो सभ कहि रहल
काज अधिया गेल छै

आइ फेरो हेतै किछु
बात भजिया  गेल छै

पानि चाहै ठोरकेँ
धार डेरा गेल छै

सभ पाँतिमे 2122 + 212 मात्राक्रम अछि। चारिम शेरक पहिल पाँतिक एकटा अंतिम दीर्घकेँ लघु नियम शैथिल्यक तहत मानल गेल अछि।




142

लूटक मंडीमे बैसल छी हम
झूठक मंडीमे बैसल छी हम

भेटैए रंग बिरंगक समाद
दूतक मंडीमे बैसल छी हम

छै हुनके थारी सभहँक हिस्सा
भूखक मंडीमे बैसल छी हम

अबियौ किनियौ हमरे दोकानसँ
छूटक मंडीमे बैसल छी हम

कोठा बनलै सौंसे दुनियाँमे
खेतक मंडीमे बैसल छी हम

सभ पाँतिमे 222-222-222 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ नियम शैथिल्यक तहत एकटा दीर्घ मानल गेल अछि।




143

दिल्ली पटना गाम लखन
काजक मारल राम लखन

टुक टुक ताकै जेबी सभ
कोना चुकतै दाम लखन

ई सभ छै अग्निपरीक्षा
टप टप चूबै घाम लखन

सभहँक भीतर रावण छै
नाम भने हो राम लखन

बनियाँ बैसल बिच्चे ठाँ
बेचै अप्पन चाम लखन

सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि।




144

छै सभ कियो असगर
अपने अपन सहचर

ई आगि ओ आगि
दुन्नू रहल मजगर

बुझबै अहाँ सभ किछु
एतै जखन अवसर

जीवन मने बिजनस
रिस्को रहत कसगर

संवेदना टूटल
खूनो रहै पनिगर

सभ पाँतिमे 2212-22 मात्राक्रम अछि। दोसर शेरक पहिल पाँतिक लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।




145

छन भरि के पहिचान छै
जीवन भरि अनुमान छै

सोना चानी बैंकमे
आँचरमे दुभि धान छै

पुरहित आ जजमान संग
अपने ओ भगवान छै

चुप्पे रहलहुँ देखितो
केहन ई अभिमान छै

स्वामी अनचिन्हार जी
हमरे सन बइमान छै

सभ पाँतिमे 222+2212 मात्राक्रम अछि। तेसर शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु छूटक तौरपर लेल गेल अछि। मकतामे हमरा जनैत दोष छै कारण पहिल पाँतिमे "जी" आदर सूचक छै तँ दोसर पाँतिमे "छै" बराबरी सूचक मुदा शेरसँ मोह भऽ गेल अछि। आग्रह जे उपाय बताएल जाए। 




146

जे अछि जयकार विरोधी
से अछि दरबार विरोधी

ई मानू या नै मानू
सभ छै अधिकार विरोधी

संसारे खातिर देखू
भेलै संसार विरोधी

खाली संगे भरलाहा
बनतै अवतार विरोधी

चारू दिस बंदूक मुदा
कहलक हथियार विरोधी

सभ पाँतिमे 222-222-2 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।




147

रस रंग साधना काम्य हमर
मधु सिक्त वासना काम्य हमर

अछि हियमे राखल नेह मधुर
विष रिक्त भावना काम्य हमर

छोट छीन जीवन रहै मुदा
सही प्रस्तावना काम्य हमर

अहाँ जपैत रहू विनाशकेँ
नीक संभावना काम्य हमर

संग रही स्वस्थ रही अतबे
छोट शुभकामना काम्य हमर

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि (बहरे मीर)। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।




148

कियो हँसलै कोनो बातपर
कियो कनलै कोनो बातपर

कियो उठि गेलै बड़ ऊँच आ
कियो खसलै कोनो बातपर

कियो चुप्पे रहलै देर धरि
कियो बजलै कोनो बातपर

कियो पाथर बनि जिंदा रहल
कियो गललै कोनो बातपर

कियो रहलै तहिआएल बस
कियो भजलै कोनो बातपर

सभ पाँतिमे 1222-22-212 मात्राक्रम अछि।




149

राजकमल राजमहल
रक्त सनल रक्त सनल

जंघाजोड़ी देखि कऽ
जांघो सभ खूब हँसल

कियो कहने रहै तँइ
सात शहर डेग उठल

दर्द हमरा संगमे
सुख रहलै कटल कटल

सुनसान पड़ल आत्मा
देहेपर चहल पहल

सभ पाँतिमे 22-22-22 मात्राक्रम अछि (बहरे मीर)। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानि लेबाक छूट लेल गेल अछि (बहरे मीर) ।



150

चुपचाप देखब कपारमे
चुपचाप चाहब कपारमे

ओ जे जे कहथिन सएह सभ
चुपचाप मानब कपारमे

सपना अपन आँखि के बहुत
चुपचाप डाहब कपारमे

ई नोर हुनके हँसी सनक
चुपचाप कानब कपारमे

देखा कऽ लिखलहुँ ई पाँति आ
चुपचाप मेटब कपारमे

सभ पाँतिमे 2212-212-12 मात्राक्रम अछि। दोसर आ चारिम शेरक पहिल पाँतिमे एकटा दीर्घकेँ लघु मानि लेबाक छूट लेल गेल छै।




151

हुनके विकास
जनता उदास

संसद बनलै
चोट्टा निवास

अपने अर्थी
अपने लहास

जेबी जानै
हाटक हुलास

बूड़ल देशक
दर्शन झकास

सभ पाँतिमे 22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।




152

हुनका लेल सिंदुर एलै हमरा लेल जहर
देखू नेह कोना भेलै हमरा लेल जहर

अमरित एकरा हम कोना ने मानू कहू से
अपने हाथें देने गेलै हमरा लेल जहर

जीवन धारने छै जहरक कर्जा तइँ तँ सखी
बहुते देर धरि घुरिएलै हमरा लेल जहर

खिस्सा सुनि कऽ किछु ने बजलै चुप्पे रहलै तखन
बहुते कनलै आ पछतेलै हमरा लेल जहर

मोनक बात कहने रहियै अपना लोकसँ आ
अनचिन्हार सेहो लेलै हमरा लेल जहर

सभ पाँतिमे 2221-22-22-2221-12 मात्राक्रम अछि। दोसर आ चारिम शेरक दूनू पाँतिमे एक-एकटा दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि।




153

मोन सभहँक अचंभित छलै
चोर ऐठाम मंडित छलै

काज हुनकर बिलंबित मुदा
साज तँ द्रुतबिलंबित छलै

हाथ जोड़ल बहुत भेटि गेल
मोन सभहँक विखंडित छलै

ठोर केनाहुतो चुप रहल
तथ्य रखबासँ वंचित छलै

दुख बला पाँतिमे देखि लिअ
सुख बहुत रास टंकित छलै

दर्द बाँटब सहज नै बंधु
दर्द मोनक अखंडित छलै

सभ पाँतिमे 2122-122-12 मात्राक्रम अछि। तेसर शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु छूटक तौरपर अछि।




154

मोन पड़लै
नोर खसलै

अर्थ दिव्यांग
शब्द टहलै

बात बजिते
जीह कटलै

देह छुबिते
देह गललै

लोक अप्पन
आन लगलै

सभ पाँतिमे 2122 मात्राक्रम अछि। दोसर शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु छूटक तौरपर लेल गेल अछि।




155

एकै आदमी चोर फकीरक सरदार
बड़ हरीफ लागैए शरीफक सरदार

बाहर टूटल फूटल भीतर चकमक छै
बड़ अमीर लागैए गरीबक सरदार

एना पसरल हेतै गुप्त बात सौंसे
कनपातर लागैए बहीरक सरदार

मोती केर आसमे गहलहुँ धार मुदा
बड़ उत्थर लागैए गँहीरक सरदार

रहि जेतै ई आसन बासन सिंहासन
आ चुप्पे उड़ि जेतै शरीरक सरदार

सभ पाँतिमे 222-222-222-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि





156

मोन मीलल बहुत बहुत
नेह भेटल बहुत बहुत

दूर गेलै जते जते
नीक लागल बहुत बहुत

साँच बजलहुँ कनी मनी
संग छूटल बहुत बहुत

बात करता जखन जखन
खाद फेंटल बहुत बहुत 

साँझ खातिर कहीं कहीं
भोर टूटल बहुत बहुत

आइ हुनकर कथा व्यथा
भाँज लागल बहुत बहुत

आब भेलै महो महो
रूप साजल बहुत बहुत

गाछ देखै टुकुर टुकर 
काँच पाकल बहुत बहुत

सभ पाँतिमे 2122-12-12 मात्राक्रम अछि।





157

बाहर जते फेम छै
भीतर तते ब्लेम छै

प्लेयर सहित फील्ड आ
अम्पायरो सेम छै

जैठाँ बहुत जौहरी
तैठाँ कनी जेम छै

अनकर हड़पि आनि लेब
अतबे हुनक एम छै

तोड़ब हृद्य मोनकेँ
ई ओकरे गेम छै

सभ पाँतिमे 2212-212 मात्राक्रम अछि। चारिम शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु छूटक तौरपर लेल गेल अछि।




158

गदहा सभ सरकार चलेतै
लुच्चा सभ दरबार चलेतै

जकरा लग ने पैसा कौड़ी
से कोना संसार चलेतै

जखने जागत सूतल जनता
आर चलेतै पार चलेतै

काँपै जकर मोन इजोतमे
ओ मार कि सम्हार चलेतै

बनतै गृहस्थ साधू बाबा
साधू सभ परिवार चलेतै

सभ पाँतिमे 222-222-22 मात्राक्रम अछि। दूटा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि।




159

हुनकर बात
पिपरक पात

देशक अगुआ
भेलै कात

तप्पत नोर
बसिया भात

जिवनक नाम
झंझावात

अनचिन्हार
केलक घात

सभ पाँतिमे 2221 मात्राक्रम अछि।




160

कियो कारी बुझलक कियो उज्जर कहलक
कियो शीशा बुझलक कियो पाथर कहलक

जाइ अबै छी बिन रोक टोक ओइ ठाम
कियो मालिक बुझलक कियो नौकर कहलक

गलत काज भेलापर अंतर नै रहलै
कियो साधू बुझलक कियो लोफर कहलक

जीवन ईहो छै आ जीवन ओहो छै
कियो अप्पन बुझलक कियो दोसर कहलक

उपेक्षित रहब अनचिन्हारक कपारमे
कियो चिंतक बुझलक कियो जोकर कहलक

सभ पाँतिमे 222-222-222-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।




161

कियो डबल छै
कियो ढ़हल छै

सपन नयन के
बचल खुचल छै

गरीब लेखे
पवन अनल छै

सुगंध हुनकर
रचल बसल छै

कनी मनीपर
बहुत झुकल छै

सभ पाँतिमे 12-122 मात्राक्रम अछि।




162

विषवंदन युगधर्म छै
परिवर्तन युगधर्म छै

जइमे खेने रोग हो
से बरतन युगधर्म छै

खाली अपने टा रही
से कतरन युगधर्म छै

खाली चाहथि मीठ रस
मधुगुंजन युगधर्म छै

बिन करने कल्याण नै
गठबंधन युगधर्म छै

सभ पाँतिमे 222-2212 मात्राक्रम अछि।




163

भीजल कपड़ा गुदगर देह
बिजली लागै सुंदर देह

गौतम धेलथि इंद्रक भेष
फेरो पाथर हुनकर देह

हुनका ताकी कोने कोन
हमरा लग छै जिनकर देह

बज्जर सपना बज्जर आँखि
बज्जर जीवन बज्जर देह

सरकारक फाइल बहुते पैघ
देखू घटलै किनकर देह

सभ पाँतिमे 22 22 2221 मात्राक्रम अछि।




164

संसार हमरो लेल छै
अपकार हमरो लेल छै

राजा बहुत रानी बहुत
दरबार हमरो लेल छै

जइमे भुजेतै आन से
कंसार हमरो लेल छै

तोहीं ठकेलह से तँ नै
बटमार हमरो लेल छै

पायल भने नै हो मुदा
झंकार हमरो लेल छै

सभ पाँतिमे 2212-2212 मात्राक्रम अछि (बहरे रजज मोरब्बा सालिम )।




165

बान्हल भाषा बान्हल बोल
अइ नाटकमे अतबे रोल

हुनका कहने दुनियाँ टेढ़
हुनके कहने दुनियाँ गोल

खाली पेटक छै फरमान
भरलाहाकेँ खोलै पोल

चुप्पे आबै चुप्पे जाइ
हिनकर आँगन हुनकर टोल

किछु ने जानै अनचिन्हार
के पहिरैए नवका खोल

सभ पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम अछि।




166

ठोरक गिलास ठोरक शराब
के राखत किछु ठोपक हिसाब

अनधन लछमी हुनका हिस्सा
हमरा हिस्सा गालक गुलाब

उनटाबैए ओ चुप्पे चुप
देहक पन्ना मोनक किताब

सुंदर शब्द भेलै बेकार
ओ अपने छथिन अपन जबाब

अनचिन्हारक इयाद अबिते
पूरा दुनियाँ लागै खराब

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।




167

कागजमे सुधार छलै
फाइलमे बहार छलै

केहन बेबहार छलै
कनियों नै विचार छलै

टूटल बस पगार छलै
सरकारो लचार छलै

किश्ती भरि कऽ आबि रहल
जीवनमे उधार छलै

बनि चिन्हार खूब फँसल
अनचिन्हार पार छलै

सभ पाँतिमे 22-212-112 मात्राक्रम अछि।




168

सपनाइत रहलहुँ हम
डेराइत रहलहुँ हम

मँजाइत रहल एड़ी
चिकनाइत रहलहुँ हम

जते जे सुनेलक से
पतिआइत रहलहुँ हम

अइ हाथसँ ओइ हाथ
बदलाइत रहलहुँ हम

हुनकर मोनक बाकस
सैंताइत रहलहुँ हम

इम्हर उम्हर सभठाँ
उसनाइत रहलहुँ हम

चुप्पे अनचिन्हारसँ
बतिआइत रहलहुँ हम

सभ पाँतिमे 22-22-22 मात्राक्रम अछि। दूटा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।




169

केहन छै ई लोकक आँखि
फूलक मूँह काँटक आँखि

सभहँक भूख एकै रंग
ताकै खाद खेतक आँखि

कोनो बिंदुपर मीलल छै
शहरक आँखि गामक आँखि

सुरजक बात कहिए देत
भोरक देह साँझक आँखि

अनचिन्हार एबे करतै
रहलै जागि बाटक आँखि 

सभ पाँतिमे 2221-2221 मात्राक्रम अछि। मतलाक पहिल पाँतिमे एकटा दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि, तेसर आ पाँचम शेरक पहिल पाँतिक अंतिम दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि।




170

हम सुंदर कहबौ तों कचनार बुझि लिहें
सुंदरतम कहने सिंगरहार बुझि लिहें

परदा रहबे करतै संसारक कारण
सैंतल कहने तों बेसम्हार बुझि लिहें

शब्दसँ पता चलि जाइ छै के कहने छै
हम विकास कहबौ तों सरकार बुझि लिहें

मतलब अपन अराध्यसँ छै चाहे जे हो
हम करेज कहबौ तों दरबार बुझि लिहें

भोरका लाली बनि हाथ छूतौ तोरा
हम कोंढ़ी बुझबौ तों भकरार बुझि लिहें

संन्यास केर मतलब चरम आसक्ति छै
हम समाधि कहबौ तों संसार बुझि लिहें

आब जरूरी नै छै संबंध निमाहब
अपना सन लगितो अनचिन्हार बुझि लिहें

सभ पाँतिमे 222-222-222-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।




171

कियो पुछलक मोनक हाल
कियो कहलक मोनक हाल 

खसल नोरक ठोपे गानि
कियो बुझलक मोनक हाल

कियो आनथि हीरा मोती
कियो अनलक मोनक हाल 

कियो डाहैए संसार 
कियो डहलक मोनक हाल 

नुका पढ़तै अनचिन्हार
कियो लिखलक मोनक हाल

सभ पाँतिमे 122-22-221 मात्राक्रम अछि। तेसर शेरक पहिल पाँतिक अंतिम दीर्घकेँ लघु मानबा छूट लेल गेल अछि।




172

आँखि हमर दास हुनक
अदना नै खास हुनक

आब खरिहान संगे
छै पूरा चास हुनक

धेलकनि हाट बजार
मोश्किल उगरास हुनक

ऐठाँ दुइए टा सच
आस हमर आस हुनक

एना केने कहियो 
नै हेतनि बास हुनक

सभ पाँतिमे 22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। 

173

भुज्जा चिखना ताड़ी आ पासी चाही
हमरा तड़िखाना चाही लबनी चाही

हुनका भेटनि बड़का बड़का इनाम
बस हमरा छोट छीन बदनामी चाही

हम बोर भ' गेलहुँ चिक्कन चुनमुन खुशीसँ
हमरा किछु लेढ़ाएल उदासी चाही 

तों ल' ले दछिनामे पूरा दुनियाँ मुदा
हमरा खाली हुनकर जजमानी चाही 

खाली पहनावा बदलल छै इच्छा नै
हुनका राजा आ हमरा दासी चाही

सभ पाँतिमे 222-222-222-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। 





174

माला बैसल तड़िखानामे 
ठोपो ढ़ूकल तड़िखानामे 

चिखना देखि कऽ लबनी देखि कऽ
पंडित नाचल तड़िखानामे 

पूरा दुनियाँमे मरि गेलै 
जीवन बाँचल तड़िखानामे 

चानन घसलहुँ ठाँओ निपलहुँ
हारो गाँथल तड़िखानामे 

बड़ दिनक बाद अनचिन्हारो
अपने लागल तड़िखानामे 

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। 





175

झाँपल गेलै सत्य वचन
बारल गेलै सत्य वचन

भोरे एलै औफिसमे
थाकल गेलै सत्य वचन

चारू कातक योजनासँ
छाँटल गेलै सत्य वचन

झुट्ठा सभहँक पौतीमे
साँठल गेलै सत्य वचन

ब्रह्मस्थानक वेदीपर 
आनल गेलै सत्य वचन

सभ पाँतिमे मात्राक्रम 22-22-22-2 अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।





176

अइ संसारकेँ अनकासँ मतलब
आ हमरा छलै अपनासँ मतलब 

पूल बनाउ नदी महानदीपर 
कातक धारकेँ लचकासँ मतलब 

भेटै आशीर्वाद या कि सराप 
छै भगताकेँ देवतासँ मतलब

भूआ पसरल जमीनपर तैयो
सिंगरहारकेँ खसबासँ मतलब 

जकरा लग कियो नै अनचिन्हार
अनचिन्हारकेँ तकरासँ मतलब

सभ पाँतिमे 222-222-222 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।





177

घूसक संगे गबन करू
टिक्का चानन हवन करू

पीठक पाछू गारि बात
आगू अबिते नमन करू

हुनकर आँखि कोना उठल
जेन्ना तेन्ना दमन करू

किछु नै बँचतै दुनियाँमे
रमन चमन के जतन करू

छोट छोट या नमहर हो
जिम्मेदारी वहन करू

सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।






 178

कतौ भेटल नै
कतौ रूचल नै

जते लुटलहुँ हम
तते भोगल नै

हुनक गोष्ठीमे
सही बाजल नै

महंथक तागति
बहुत लागल नै

बताहे कहलक
कियो पागल नै

सभ पाँतिमे 122-22 मात्राक्रम अछि। 





179

ने अँगना जोगर ने दलान जोगर
ने जमीन जोगर ने लगान जोगर

गरीब लड़किए जकाँ गरीब लड़को
ने बियाह जोगर ने चुमान जोगर

एहन मुरती बनि गेलहुँ जीवनमे
ने पूजा जोगर ने भसान जोगर

तटस्थ केर जीवन बितलै एना क'
ने घिरना जोगर ने गुमान जोगर

हुनकर सिनेह अतबे भेटल हमरा
ने नवेद जोगर ने लवान जोगर

सभ पाँतिमे 22-22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।





180

अइ अइ उइ उइ इस इस इस
हमर गालपर हुनकर किस 

बैसल रहलथि हमरे लग
तैयो केलहुँ हुनका मिस 

इम्हर उम्हर जिम्हर जो
लेकिन एबौ तोरे दिस

तरहत्थीपर तरहत्थी
धीरे धीरे चंदन घिस

ने धरती आ ने स्वर्गे
हमरा छै तोरे खाँहिस

सभ पाँतिमे 222 2222 मात्राक्रम अछि। दूटा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।





181

खेत दहेलै हमर
पेट बिकेलै हमर

मोन द' गेलै तखन
मोन ल' गेलै हमर

साँच रहै आबि गेल
झूठ नुकेलै हमर

देह रहै ठक सदा
जान ठकेलै हमर

आँखि हुनक देखिते
आँखि जुड़ेलै हमर

सभ पाँतिमे 21-122-12 मात्राक्रम अछि। तेसर शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु छूटक तौरपर अछि। 






182

बजलहुँ हम सरदारे देखि कऽ
लिखलहुँ हम सरकारे देखि कऽ

जनते तँ बनै छै नेता ने
ई बुझलहुँ हम नारे देखि कऽ

बूझल अछि सभ फंडा तैयो
किनलहुँ हम परचारे देखि कऽ

अहाँ जे कहब से कहू मुदा
बदलल हम संसारे देखि कऽ

गहना केहन बनतै से सभ
बुझलहुँ हम सोनारे देखि कऽ

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। 





183

क्षणभंगुर देहक आस कते
जाइत मधुमासक आस कते

हे हो रामा आफद एलै
बेसुध सरकारक आस कते

सीतारामक दास सहारा
ई दुनियाँ दासक आस कते

अकासक संगे डील भेलै
प्रायोजित मेघक आस कते

धोखा दै छै चिन्हारे सभ
अइ अनचिन्हारक आस कते

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। 





184

अइ संसारमे चुप जाबे रहलहुँ हम
कहियो फूल कहियो काँटे रहलहुँ हम

छै बेपार संबंधक अइ दुनियाँमे
कहियो लाभ कहियो घाटे रहलहुँ हम

पहिने स्वर्ग फेरो नरकक फेरामे
कहियो पुण्य कहियो पापे रहलहुँ हम

कहियो कंस कहियो धृतराष्ट्रो बनलहुँ
कहियो श्याम कहियो राधे रहलहुँ हम

जाबी लागि गेलै जकरा तकरा लेल
कहियो ठोर कहियो बाते रहलहुँ हम

सभ पाँतिमे 2221-222-222-2 मात्राक्रम अछि। अंतिम शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु छूटक तौरपर अछि।






185

किछु बातक आर्थिक कारण
किछु बातक आत्मिक कारण

जीवन भरि लगले रहलै
दैनिक साप्ताहिक कारण

अर्थक जे रहस्य खुजलै
तकरो छै शाब्दिक कारण

छै हुनकर विनती पाछू
छोट्टे सन मार्मिक कारण

एकटा अलौकिक खातिर
बहुते छै लौकिक कारण

सभ पाँतिमे 222-222-2 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। 





186

पुरबा शासक पछबा शासक
नहिये रहलै कोनो काजक

बम बारूदक अइ ढ़ेरीपर
हत्या भेलै अपने आसक

निश्चित डुबतै बीचक कोठा
पहिने डूबै धारे कातक

सभहँक चिंता अतबे खाली
सस्ता दामक महँगा दामक

भाषण संभाषण सिंहासन
आगू पाछू अतबे टाटक

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि।





187

एहनो डोर निकलैए
छोरपर छोर निकलैए

बेरपर मोन पड़िते  छै
एखनो नोर निकलैए

पहिने प्रेम रहै मजगूत
आब कमजोर निकलैए

देहपर देह रूकल छै
ठोरपर ठोर निकलैए

बात हुनकर जखन भेलै
साँझमे भोर निकलैए

सभ पाँतिमे 2122-1222 मात्राक्रम अछि। तेसर शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु छूट लेल गेल अछि।





188

दुइए दिनक मनमानी रे भाइ
जल्दिये जेतौ सुलतानी रे भाइ

दुख कि दर्दक रंग धरती सन के
नोरक रंग असमानी रे भाइ

बिला गेल सुख चैन भूख पियास
बड़ लेलही कुर्बानी रे भाइ

संबंधक बदला अतबे भेटल
सोना रे भाइ चानी रे भाइ

पुजा लेलही जकरा तों झटपट
हमरे रहै जजमानी रे भाइ

सभ पाँतिमे 222-222-222 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानबा छूट लेल अछि।





189

मोन टुटलै बाते बातमे
गाँठ पड़लै बाते बातमे

महँगी एलै धीरे धीरे
हाथ खगलै बाते बातमे

ने हरनी ने मरनी लेकिन
खेत बिकलै बाते बातमे

हम ईहो लेब ओहो लेब
मोन बदलै बाते बातमे

बड़ी दूर अरिआइत देलक
संग छुटलै बाते बातमे

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।





190

अपना अपनी काबिल लोक
बाँकी सभ छै जाहिल लोक

असगर असगर अपने आप
चुप्पे पीबै आमिल लोक

छाँटल जेतै कहिए कहि क'
बेकारक ई फाजिल लोक

कहियो सार्थक सुंदर चीज
करबे करतै हासिल लोक

बाँचल रहलै काँचे फोंक
चीड़ल गेलै सारिल लोक

रखने सभ किछु के उम्मेद
जीवन जीबै हारिल लोक

सभ पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम अछि।





191

किछु बात भेलै किछु किछु
शुरुआत भेलै किछु किछु

जे देखलहुँ सपनामे
सच बात भेलै किछु किछु

अइ मोनपर सुंदर सन
आघात भेलै किछु किछु

किछु शांति रहलै फेरो
उत्पात भेलै किछु किछु

हुनकर कृपा दुनियाँमे
खैरात भेलै किछु किछु

सभ पाँतिमे 2212-222  मत्राक्रम अछि।





192

किछु काज भगवान भरोसे
किछु काज शैतान भरोसे

किछु लोक नोरेसँ भरल अछि
किछु लोक मुस्कान भरोसे

किछु आँखि सोनासँ सजल छै
किछु आँखि दुभिधान भरोसे

बहुते मजा आबि रहल छै
किछु बात अनुमान भरोसे

लाभक कथा के क' रहल अछि
किछु लाभ नुकसान भरोसे

सभ पाँतिमे 2212-21122 मत्राक्रम अछि।





193

जत्ते बड़का स्वामी छै
सभहँक नाम हरामी छै

हमहूँ ओझा गुन्नी छी
ओहो अंतरयामी छै

ई नेह सिनेहक रहने
बड़ बेसी बदनामी छै

अपने मोने सस्ता सभ
अपने मोने दामी छै

दू दिनक नामी कलामी
तकर बाद गुमनामी छै

सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।





194

किछु ने बाजल जानि कऽ
अपने थाकल कानि कऽ

ई हँसी दिन दू दिनक
खुश छै नोरे गानि कऽ

किछु हेतै से कहि
सुतलै चद्दरि तानि कऽ

नुकेलासँ बुझाइए
लागल छै समधानि कऽ

धर्मात्मा बनि गेलहुँ
धर्मक रेखा फानि कऽ

सभ पाँतिमे 222-222 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।





195

बड़का खाली बातक छथि
गहुमन सन के घातक छथि

सरकार किनको मुदा ओ
स्थायी रूपें चातक छथि

दंगा फसाद हुनके छनि
मारकेश के जातक छथि

कुर्सी पुरस्कार लेल मारि
कोसी कमला कातक छथि

हमरा संगे ओहो बाबू
ओही समुदाय जमातक छथि

तप्पत भेनाइ बड़ कठिन छै
बासि तेबासि औकातक छथि

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।




196

हमहूँ ओहो अमुक अमुक
सदिखन केलहुँ हुलुक बुलुक

पानि घटि गेल छै सौंसे
खूने पीबै चुरुक चुरुक

भूखक मारल सभहँक घर
हिंदू हिंदू तुरुक तुरुक

आँगन कानै लोकक बिन
घूमथि बाबा मुलुक मुलुक

जिनकर चालि चलन घटिया
संसद गेलथि ठुमुक ठुमुक

सभ पाँति 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। मैथिलीमे "ठुमुकि" शब्द सही छै मुदा काफियाक रक्षा लेल ओकरा "ठुमुक" बना देल गेल अछि।




197

फूलक बनलै सहचर डारि
जतरा रहलै मजगर डारि

सुखिते मातर पहिलुक गाछ
झटपट ताकै हरियर डारि

किनको हिस्सा हल्लुक छैक
किनको हिस्सा भरिगर डारि

जे सभ धरतै जत्ते माटि
तत्ते ओक्कर नमहर डारि

इच्छा भीतर इच्छा बास
सभहँक जीवन रसगर डारि

पहिने धामन तकरा बाद
भेलै गहुमन अजगर डारि

सभ पाँतिमे 222-222-21 मात्राक्रम अछि। 




198

अगबे भाषण झुट्ठा कहीं के
चुप बेहूदा कुत्ता कहीं के

भेटै नेहक बदला सिनेहे
नै संभव रे सुद्धा कहीं के

हिस्सा पबिते भागल लफंदर
रुक बेठूआ लुच्चा कहीं के

अपनाकेँ मानथि नमरी  सैंतल
हमरा कहलथि छुट्टा कहीं के

दुनियाँ मानै शैतान बड़का
अपना मोने सुच्चा कहीं के

सभ पाँतिमे 22-22-22-122 मात्राक्रम अछि। चारिम शेरमे एकटा दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि।




199

मोनक रूप पासी छै
देहक रूप पासी छै

किछु यजु ॠग अथर्वो आ
सामक रूप पासी छै

जगतक सार लबनी थिक
ज्ञानक रूप पासी छै

कखनो मोक्ष आ कखनो
मोहक रूप पासी छै

शहरक नामपर बाँचल
गामक रूप पासी छै

सभ पाँतिमे 2221-222 मात्राक्रम अछि।




200

कहल करियौ किछु बात
सुनल करियौ किछु बात

गरीबक चूसत खून
बुझल करियौ किछु बात

करेजक खाली कोन
लिखल करियौ किछु बात

जरूरी छै किछु भाव
छुबल करियौ किछु बात

सही रहितो चुप चाप
सहल करियौ किछु बात

सभ पाँतिमे 122-2221 मात्राक्रम अछि।




मूल नाम--आशीष कुमार मिश्र
माता--श्रीमती गम्भीरा मिश्र
पिता- स्व. कृष्ण चंद्र मिश्र
गाम--भटरा घाट (बिस्फी)
जन्म--4/12/1985
मैथिली गजल एवं शेरो-शाइरीपर केंद्रित इंटरनेट पत्रिका (ब्लाग रूपमे) “अनचिन्हार आखर”  http://anchinharakharkolkata.blogspot.com/ केर संस्थापक ओ संपादक।

अन्य प्रकाशित कृति---
1) अनचिन्हार आखर (गजल, रुबाइ ओ कता संग्रह)
2) मैथिली गजलक व्याकरण ओ इतिहास (ई भर्सन प्रकाशित)
3) मैथिली वेब पत्रकारिताक इतिहास (ई भर्सन प्रकाशित)

श्री गजेन्द्र ठाकुरजीक संगे सह-संपादित पोथी
1) मैथिली गजल: आगमन ओ प्रस्थान बिंदु (गजलक आलोचना-समालोचना-समीक्षा), ई-भर्सन प्रकाशित
2) मैथिलीक प्रतिनिधि गजल (1905सँ 2016 धरि), ई-भर्सन प्रकाशित
सम्मान--
बर्ख 2014 लेल विदेह भाषा सम्मान (समानान्तर साहित्य अकादेमी सम्मान)सँ पोथी “अनचिन्हार आखर”  (गजल संग्रह) लेल सम्मानित।
संपर्क - ashish.anchinhar@gmail.com


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